भाजपा संसद का मानसून सत्र खत्म होते ही पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी। सत्र समाप्त होते ही भाजपा के चुनावी मिशन की संगठनात्मक रणनीति पर काम शुरू हो जाएगा। इससे पहले 18-19 अगस्त को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेगी, जिसमें संगठनात्मक तैयारियों की राज्यवार समीक्षा की जाएगी और चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। इसके बाद 28 अगस्त को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में ही भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। इसमें मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री शामिल रहेंगे। इसे मुख्यमंत्री परिषद बैठक का नाम दिया गया है।
सुशासन व विकास के एजेंडे पर होने वाली इस बैठक में गरीब कल्याण व सामाजिक वर्गों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पूरे समय मौजूद रहेंगे। प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों को भी इसमें बुलाया गया है।
15 मुख्यमंत्री व सात उपमुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे
मुख्यमंत्री बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसकी लोकसभा की रणनीति का एक बड़ा हिस्सा राज्यों के कामकाज पर निर्भर है। भाजपा के 15 मुख्यमंत्री व सात उप मुख्यमंत्री हैं। उसकी अपनी सरकारों में यूपी में दो, अरुणाचल, त्रिपुरा, गुजरात में एक-एक उप मुख्यमंत्री हैं। बिहार व नगालैंड में वह सहयोगी दलों के साथ है, जहां उसके उप मुख्यमंत्री हैं। पार्टी ने अपनी सरकारों को दो साल पहले ही गरीब कल्याण एजेंडा थमाया था, जिस पर सभी को प्राथमिकताओं से अमल करना था।
कामकाज की समीक्षा
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि सभी मुख्यमंत्रियों को गरीब कल्याण से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं पर प्रभावी अमल के आंकड़ों के साथ आने को कहा गया है। हालांकि पार्टी ने अपने संगठन तंत्र से भी जानकारी जुटाई हुई है, ऐसे में कोई भी गलत दावा नहीं कर सकता है। बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों व उप मुख्यमंत्रियों को अगले छह माह का एजेंडा दिया जाएगा, जो पूरी तरह चुनावी रणनीति से जुड़ा होगा।