पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी की है। साथ ही स्क्रूटिनी में लापरवाही के कारण एक छात्र का दो साल बर्बाद होने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि छात्र को मिलेगी।
न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने रामजंगल सिंह इंटर कॉलेज दिघवारा के छात्र सौरभ कुमार की अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट ने बोर्ड पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सब कुछ छात्र करे और बोर्ड हाथ पर हाथ रख आराम करे, भले ही बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा छात्र को भुगतना पड़े। बोर्ड की एक गलती से छात्र का दो सत्र बर्बाद हो गया। 12वीं के छात्र सौरभ की ओर से दायर रिट याचिका में कोर्ट को बताया गया था कि 2017 की 12वीं परीक्षा में अल्टरनेटिव अंग्रजी में मात्र दो अंक देकर फेल दिखा दिया गया है। उसके बाद न तो स्क्रूटिनी में सुधार हुआ और न ही आरटीआई के तहत कॉपी मांगने पर मिली।
केस किए जाने के बाद बोर्ड ने अपने स्तर से सौरभ की कॉपी की स्क्रूटिनी कराई। पाया कि छात्र को 32 की जगह 2 अंक दिया गया है। बोर्ड ने अपनी गलती सुधारते हुए छात्र को प्रथम श्रेणी से पास का रिजल्ट जारी किया। लेकिन रिजल्ट में पिछले दिनों सुधार किया गया और तारीख मई 2017 दी गई।