भारत का 20 साल बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

भारत का 20 साल बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

दक्षिण कोरिया ने 1986 के बाद दूसरी बार एशियाई खेलों की मेजबानी की। बुसान के चार पड़ोसी शहरों यूसान, चेंगवोन, मसान और येंगसेन भी इन खेलों के संयुक्त मेजबान रहे। भारत ने महिला एथलीटों की बदौलत 1982 के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया..

एथलेटिक्स में दबदबा-
भारतीय एथलीटों ने कुल सात स्वर्ण पदक जीते, जिसमें से छह स्वर्ण महिला एथलीटों ने जीते थे। इन स्पर्धाओं ने भारत ने कुल 17 पदक हासिल किए।

टेनिस में छाए-
लिएंडर पेस और महेश भूपति की डोड़ी ने दबदबा बना पुरुण युगल का स्वर्ण जीता। भारत ने एक स्वर्ण सहित चार पदक जीते।

हॉकी में चूके-
गत चैंपियन भारत ने पुरुण हॉकी ने अपना खिताब गंवा दिया। मेजबान दक्षिण कोरिया ने बादशाहत कायम की।

भारत एक पायदान पर-
भारत 11 स्वर्ण, 12 रजत और 13 कांस्य जीत सांतवे स्थान पर रहा। चीन 150 स्वर्ण समेत 308 पदक जीत टॉप पर रहा। 96 स्वर्ण समेत 260 पदक जीतकर मेजबान दक्षिण कोरिया दूसरे स्थान पर रहा।

शांति जेंडर टेस्ट में फेल-
भारत की महिला एथलीट शांति सुंदराजन जेंडर टेस्ट में फेल हो गईं और इससे देश की किरकिरी हुई। उन्होंने 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था, जो छीन लिया गया। भारतीय एथलीट सिर्फ 4 गुणा 400 मीं रिले में स्वर्ण पदक जीत पाए।

शतरंज में स्वर्ण-
पहली दफा शतरंज को शामिल किया गया था। इसमें कोनेरू हंपी ने रैपिड में स्वर्ण पदक जीता। वहीं मिक्स टीम ने भी शतरंज में अपनी बादशाहत कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

जसपाल राणा का गोल्ड पर निशाना-
निशानेबाज जसपाल राणा ने 1994 एशियाई खेल के बाद इस बार तीन स्वर्ण एक रजत पदक अकेले जीता। उन्होंने 25 मी सेंटर फायर पिस्टल और 25 मीटर स्टैण्डर्ड पिस्टल में दबदबा कायम किया। निशानेबाजी टीम ने 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल में स्वर्ण जीता। इस टीम में भी जसपाल राणा थे।

पेस और भूपति ने दबदबा कायम रखा-
लिएंडर पेस ने पुरुण युगल और मिश्रित युगल में दबदबा कायम रखते हुआ स्वर्ण पदक जीता। गत चैंपियन पेस और महेश भूपति ने फिर कमाल किया और चैंपियन बने। पेस ने मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ भारत को स्वर्ण दिलाया। टेनिस में भारत को दो स्वर्ण औपर दो रजत पदक मिले।

चीन लगातार शीर्ष पर-
भारत पदक तालिका में कुल 53 पदकों के साथ आठवे स्थान पर रहा। वहीं चीन ने स्वर्ण पदकों की संख्या में और बढ़ोतरी कर शीर्ष पर कब्जा बनाए रखा। उसने कुल 316 पदक जीते। उसके पीछे दक्षिण कोरिया फिर जापान रहा।

जसपाल राणा ने बताया कि मेरे लिए 2006 के एशियाई खेल बहुत मायने रखते हैं। यहां किया गया प्रदर्शन मुझे हमेशा याद रहेगा। मुझे याद है उन दिनों में बीमार था। मेरा इवेंट होने वाला थ। मेरे कोच वाजिद अली दवाइयां खिलाते थे। उन्होंने मुझे पिस्टल लेकर खड़े होने की ताकत दी। मैंने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और 25 मी सेंटर फायर पिस्टल और 25 मीटर स्टैंडर्ड में स्वर्ण पदक जीता। 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल टीम इवेंट का भी स्वर्ण हमने जीता। यह एशियाई खेल मेरे लिए इसलिए और मायने रखते हैं कि मेरी लड़ाई इस सिस्टम से और फेडरेशन के कई लोगों से मैं तनाव में भी था पर मैंने अपने को काबू में रखा और तीन स्वर्ण एक रजत पदक जीता। यह पल दुनिया में सबसे ज्यादा खुशी देने वाला था।

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