हवा में फैलता प्रदूषण अब फेफड़ों के कैंसर का कारण बन रहा है। इस कारण वे लोग भी इस जानलेवा बीमारी का शिकार बन रहे हैं जोकि धूम्रपान नहीं करते। वर्ल्ड लंग कैंसर डे के मौके पर सर गंगाराम अस्पताल ने इसे लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक देश में महिलाओं और युवाओं में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है। फेफड़ों के कैंसर के मामले में शोध से चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 150 रोगियों पर किए गए शोध से पता चला है कि बगैर धूम्रपान करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है।
सेंटर फार चेस्ट सर्जरी के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि इस शोध में मामलों का बढ़ना, युवाओं में कैंसर होना व महिलाओं में कैंसर दर चौकाने वाली है। अभी तक धूम्रपान को इसका कारण माना जाता था, लेकिन फेफड़ों के बढ़ते कैंसर के कारण प्रदूषित हवाएं भी हैं। वही, डॉ.नीरज जैन ने कहा कि यह बीमारी खतरनाक है और तेजी से युवाओं को चपेट में ले रही है। धुम्रपान करने और नहीं करने वालों का अनुपात बराबर है। इससे साफ है कि वायू प्रदूषण के चलते भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है। अब धूम्रपान रोकने के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रोकने की बात होनी चाहिए।
संस्थान ने इस संबंध में 150 रोगियों पर शोध किया था। इनमें से कुछ मरीज प्रेस वार्ता के दौरान भी मौजूद थे। राजधानी में हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। दिसंबर में इसके चलते आपात स्थिति की हालत पैदा हो गए थे। ऐसे में सर गंगाराम अस्पताल का शोध चौंकाने वाला है। पहली बार कैंसर का बड़ा कारण खराब हवा को भी माना गया है। यह राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए बड़ी चेतावनी भी है।