सेवानिवृत्त रेलकर्मी सच्चिदानंद झा के परिवार के सात लोगों के साथ सामूहिक आत्महत्या की खबर से चिड़ैयावाद गांव के लोग हतप्रभ हैं। सच्चिदानंद झा बरियारपुर प्रखंड के चिड़ैयावाद गांव के रहने वाले थे। वे अपनी जमीन और घर भतीजा के पास बेचकर परिवार के साथ 25 वर्षो से रांची में रह रहे थे। उनके पुश्तैनी घर में ताला लगा हुआ था। टीवी पर समाचार से घर के लोगों को जानकारी मिली।
सच्चिदानंद के चचेरे भाई पशुपति नाथ झा की आंखे नम थीं। उन्होंने बताया कि सच्चिदानंद झा रांची के कांके रोड में एक किराये के मकान में परिवार के साथ रहते थे। उन्होंने बताया कि कर्ज के बोझ से दबे रहने के कारण उनलोगों के आत्महत्या कर लेने की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि सच्चिदानंद झा, उनकी पत्नी गायत्री झा, दोनों पुत्र दीपक कुमार झा, रुपेश कुमार झा, दीपक झा की पत्नी सोनी झा, पुत्र जग्गु तथा पुत्री दृष्टि झा ने एक साथ आत्महत्या कर ली।
सच्चितानंद झा पतरातु में रेलवे में काम करते थे। पांच साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे। बड़ा लड़का दीपक एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। छह साल पहले उसकी शादी हुई थी। दूसरे भाई रुपेश की शादी नहीं हुई थी। गांव के लोग बताते हैं कि आर्थिक तंगी के कारण ही उन्होंने पुश्तैनी घर जमीन बेच दी थी।
एक साल पहले आये थे गांव
एक साल पहले सच्चिदानंद झा पूरे परिवार के साथ गांव आए थे। उसी दौरान उन्होंने पुश्तैनी जमीन एवं घर बेच दिया था। रिश्तेदारों ने घर और जमीन बेचने से मना किया था। लेकिन सच्चिदानंद झा ने बहुत कर्ज रहने की बात कही थी।
दो भाई भी कर चुके हैं आत्महत्या
सच्चितानंद झा के परिवार के तीन सदस्य पहले भी आत्महत्या कर चुके हैं। सच्चितानंद झा के चचेरे भाई पशुपतिनाथ झा ने बताया कि सच्चितानंद झा तीन भाई थे। अच्युतानंद झा, सचितानंद झा तथा शिवनंदन झा। अच्युतानंद झा रेलवे में नौकरी करते थे। 2008 में अच्युतानंद झा ने जमालपुर में ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद उनके छोटे भाई शिवनदंन झा भी जमालपुर में रेलवे में नौकरी करते थे, उन्होंने भी 2010 में ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी। सच्चितानंद के भतीजा पंकज झा ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।