रेलवे में नौकरी की हसरत रखने वाले बेरोजगारों को परीक्षा देने के लिए अपने गृह जनपद से दो हजार किलोमीटर से अधिक लंबा सफर तय करना होगा। इससें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान के दिव्यांगों व लड़कियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे ने अभ्यार्थियों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने का फैसला किया था। लेकिन बड़ी संख्या में आवेदनों के चलते परीक्षा केंद्र कम पड़ गए। इस मुद्दे को संसद में भी उठाया गया।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने रेलवे की परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र उनके निवास स्थान से हजारों किलोमीटर दूर करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी के लिए परीक्षा केंद्र उसके निवास के आसपास बनाना चाहिए। रंजन ने कहा कि रेलवे के सहायक लोको पॉयलट व तकनीशियन के 26,502 पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इसके लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। रिक्त पदों के लिए 47 लाख से अधिक बेरोजगारों ने आवेदन किया है। लेकिन उनके साथ रलवे ने गलत किया है। अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र उनके घरों से हजारों किलोमीटर दूर बनाए गए हैं।
उन्होने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए बिहार के विभिन्न जिलों के अभ्यर्थियों को हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मोहाली आदि जिलों में जाना होगा। साथ ही उनको खासी परेशानी का सामाना करना पड़ेगा। रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि बिहार, यूपी, राजस्थान में उपलब्ध परीक्षा केंद्रों की अपेक्षाकृ़त अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है। बिहार से 9 लाख, यूपी से 9.5 लाख, राजस्थान से 4.5 लाख आवेदक हैं। रेलवे ने 47 लाख में से 34 लाख (71 फीसदी) आवेदकों को 200 किलोमीटर के भीतर परीक्षा केंद्र दिए हैं। इसमें 99 फीसदी महिला व दिव्यांगों को उक्त दूरी के भीतर परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए हैं। यानी शेष एक फीसदी महिलाओं-दिव्यांगों को दो हजार किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। विदित हो कि पटना से हैदराबाद, बेगलुरु, चैन्नई की दूरी 1800 से 2100 किलोमीटर (ट्रेन) है।
9 अगस्त से शुरू होगी परीक्षा
रेल अधिकारियों ने बताया कि सहायक लोको पॉयलट व तकनीशिन के पदों के लिए रेलवे की परीक्षा आगामी नौ अगस्त से शुरू हो रही है। इसके बाद परीक्षा 10, 13, 14, 17, 20, 21, 29, 30 व 31 अगस्त को आयोजित कराई जाएंगी। अभ्यर्थियों की अधिक संख्या के चलते प्रतिदन परीक्षा तीन पाली में कराई जाएगी।