गोविंदपुर थाना क्षेत्र के घोड़ाबांधा में शुक्रवार सुबह दो भाजपा नेताओं आशीष पाल और स्वाधीन बनर्जी के घर पर हमला कर दिया गया। दोनों के घर में घुसकर मारपीट की गई। इस हमले में पांच लोग घायल हो गये हैं। एक कार्यकर्ता के अपहरण की भी कोशिश की गई है। हमले का आरोप झामुमो के पूर्व विधायक रामदास सोरेन पर लगा है। घटना की सूचना मिलते ही भाजपा के नेता और कार्यकर्ता वहां एकत्रित हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर त्वरित राहत बल को तैनात किया गया। इधर, सोरेन का कहना है कि वे पशुओं के बारे मे जानने के लिए गये थे।
भाभी को पीटा, चेन छीना : आशीष के अनुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे रामदास सोरेन अपने भगिना और कई लोगों को साथ लेकर उनके घर आए। छोटे भाई शिशिर पॉल से मारपीट की और बचाव में आई उनकी भाभी को भी पीटा। सोरेन का कहना था कि जो पशु उन लोगों ने दो दिन पहले पकड़ा उसमें उनके पांच लाख लगे हैं। विरोध करने पर पड़ोसी गोल्डी गोराई की पिटाई कर अपहरण का प्रयास किया गया। साथ आये आमिर सोहेल ने उनकी भाभी के गले से सोने का चेन छीन लिया। सोरेन के भगिना विक्टर सोरेन ने जाते समय पिस्तौल लहराकर धमकी दी। इसके वे स्वाधीन बनर्जी के घर गए और उनसे मारपीट की।
भाजपा नेता पहुंचे : घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा नेता व कार्यकर्ता घोड़ाबांधा पहुंचे तो झामुमो के लोग भी जमा हो गये। सूचना मिलते ही डीएसपी अनुदीप सिंह पहुंचे और त्वरित राहत बल(क्यूआरटी) बुला ली गई। गोविंदपुर और टेल्को थाना की पुलिस वहां पहुंच गई। शाम में आशीष और स्वाधीन से मिलने भाजपा के जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार सहित अन्य लोग पहुंचे।
इन पर मामला दर्ज : इस मामले में शिशर पाल के बयान पर पूर्व विधायक रामदास सोरेन. घूमा सोरेन, बहादुर बेसरा, विक्टर सोरेन, सुनील गोराई, मुन्ना प्रमाणिक उर्फ गुड्डू, लालबाबू राय, बारीनगर निवासी बॉबी कुरैशी, आमिर अली अंसारी सहित अज्ञात 20 से 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गरीबों के पशु बेच दिया: रामदास
पूर्व विधायक रामदास सोरेन का कहना है कि सभी पशु गरीबों के थे, उन्हें लोग चराने के लिए ले गए थे। उन्हें जबरन पकड़ लिया गया। लोगों से आधार कार्ड लेकर उसे बेच दिया गया। न तो वे जानवर वध के थे और न ही उसे कसाई के पास ही ले जाया जा रहा था। इस मामले में प्रशासन को भी कार्रवाई करनी चाहिए।
दोनों से जमीन वापस ली जाएगी : सोरेन का कहना है कि जिस जमीन पर पशु पकड़ने वाले रहते हैं वह उनकी खतियानी जमीन है। उन्हें दान स्वरूप रहने के लिए दिया गया था। अब वे लोग ग्रामीणों के जानवर पकड़कर इस तरह का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं तो उनसे जमीन वापस ले ली जाएगी।
