भारतीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा का स्तर ऐसा है कि कई बार अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी को भी हाशिए पर डाल दिया जाता है। टीम इंडिया में किसी खिलाड़ी के चयन के लिए घरेलू क्रिकेट में उसके प्रदर्शन को ही अमूमन आधार बनाया जाता है। फिर भी यदि कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में 100 से अधिक की औसत से रन बनाता है और उसे राष्ट्रीय टीम तो दूर, देश की जूनियर टीम में भी स्थान नहीं दिया जाए तो उसका दुखी होना और शिकायत करना लाजमी है। हम बात कर रहे हैं बंगाल रणजी टीम के बल्लेबाज मनोज तिवारी की।
बीसीसीआई चयनसमिति से नाराज हैं मनोज तिवारी
मनोज का चयन आॅस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली इंडिया-ए और इंडिया-बी के अलावा दिलीप ट्रॉफी की किसी टीम में भी नहीं किया गया है। इससे यह प्रतिभावान खिलाड़ी काफी नाराज है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बीसीसीआई की चयनसमिति पर भी सवाल खड़े किए हैं। मनोज तिवारी ने इंटरव्यू में कहा, ‘मैं अच्छे प्रदर्शन की वजह से इंडिया-ए टीम में अपने चयन की आस लगाए बैठा था। जब कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसे इसका इनाम भी मिलना चाहिए। पिछले सीजन में मैंने शानदार प्रदर्शन किया और ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी के नाम नहीं था।’
मनोज ने घरेलू क्रिकेट में बनाया है ऐतिहासिक रिकॉर्ड
गौरतलब है कि मनोज तिवारी ने पिछले डोमेस्टिक सीजन में 126.7 की औसत से रन बनाए थे। विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में मनोज तिवारी का औसत 100 से ज्यादा का रहा था। मनोज तिवारी यह कारनामा करने वाले भारतीय क्रिकेट इतिहास के इकलौते बल्लेबाज हैं। घरेलू क्रिकेट में इतने अव्वल दर्जे का प्रदर्शन होने के बावजूद बीसीसीआई की चयनसमिति ने मनोज तिवारी को आॅस्ट्रेलिया में दक्षिण अफ्रीका-ए और ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए टीम में स्थान नहीं दिया। जबकि, बीसीसीआई ने इस दौरे पर अपनी दो टीमें इंडिया-ए और इंडिया-बी को भेज रहा है।