गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ होता है ग्रहण

गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ होता है ग्रहण

सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण और साल का दूसरा चंद्रग्रहण 27 जुलाई को पड़ने जा रहा है। यह ग्रहण 27 जुलाई की रात 22:54 बजे शुरू होगा और 28 जुलाई को 03:49 बजे समाप्त होगा। लेकिन चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण काल से कई घंटे पहले शुरू होगा और ग्रहण के बाद तक रहेगा। चंद्रग्रहण को कोई भी अपनी नंगी आंख से देख कसता है क्योंकि इस दौरान किसी भी प्रकार की हानिकारक किरणें नहीं निकलेंगी।

लोक मान्यता है कि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा संचार होता है ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। ताकि कोख में पल रहे शिशु पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

चंद्रग्रहण का सूतक काल-
27 जुलाई को ग्रहण शुरू होने से पहले दोपहर 02:54 बजे से 28 जुलाई को रात्रि 03:49 बजे तक के समय को सूतक काल है।

ध्यान रखें ये 5 बातें-

1- ग्रहण से पहले व ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सूतक का असर खत्म हो जाता है।

2- ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं घर के बाहर न निकलें।

3- ग्रहण के वक्त खाना-पीना भी अशुभ माना जाता है। ऐसे सूतक काल में गर्भवती महिलाएं कुछ खाएं तो उसमें तुलसी का पत्ता और कुशा (एक प्रकार की घास) डाल लें।

4- ग्रहण के दौरान पति-पत्‍नी को नहीं मिलना चाहिए।

5- ग्रहण वक्त अगर आप जाग रहे हैं तो भगवान के नाम का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव कम होता है।

 

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