कम बारिश को देखते हुए सरकार बिहार को सूखाग्रस्त घोषित कर सकती है। बुधवार को विधानसभा में सुखाड़ से उत्पन्न स्थिति पर विशेष वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से उत्तर देते हुए कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सदन को यह भरोसा दिया। कहा कि दो-तीन दिनों में अगर बारिश की यही स्थिति रही तो 31 जुलाई को सीएम के स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठक में ही राज्य को सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है। इसके साथ ही बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का मामला लोकसभा में भी उठा।
विधानसभा में सरकार के जवाब से नाराज विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर गया। विपक्ष की गैर मौजूदगी में कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक 46 फीसदी कम बारिश हुई है। 50 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान दिया जा रहा है। कम अवधि में होने वाले धान, मक्का, तोरिया, ज्वार, मूली, उड़द आदि के बीज जरूरत के अनुसार हर प्रखंड में 28 जुलाई तक उपलब्ध कराए जाएंगे। पदाधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। रोजगार की समस्या न हो, इसके लिए मनरेगा का काम शुरू कराने को कहा गया है।