60 लाख के इंश्योरेंस के लालच में व्यापारी ने दोस्तों के साथ मिलकर तलाक के बाद साथ रही पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस ने एक साल बाद टर्नर रोड स्थित घर में संदिग्ध हालात में मृत मिली नीतू उर्फ विधि की हत्या का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने आरोपी व्यापारी और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी सिटी पीके राय ने वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि वर्ष 2014 में प्रेम विवाह के बाद विधि और आकाश ठक्कर टर्नर रोड स्थित घर में रहते थे। उक्त घर में 23 जुलाई 2017 को विधि का शव बरामद हुआ, लेकिन उस वक्त किसी ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की और विधि का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके बाद महिला की मां को हत्या का शक हुआ तो उन्होंने एसएसपी कार्यालय में तहरीर दी। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने 30 मार्च 2021 को आकाश और उसके परिवार वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस का दावा है कि आकाश ने विधि की मौत से कुछ दिन पहले उसका 60 लाख रुपये का इंश्योरेंस कराया और इसके बाद अपने पांच साथियों संग मिलकर उसकी हत्या करवा दी। हत्याकांड में शामिल रहे पति समेत सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
– आकाश ठक्कर (29) पुत्र सतीश ठक्कर निवासी किशनपुरा जिला सहारनपुर।
– अंकुर वालियान (28) पुत्र सरदार सिंह निवासी गगनोली थाना नागल जिला सहारनपुर।
– अखिल (35) पुत्र किशनलाल निवासी आईटीसी कोर्ट के सामने चामुंडा मंदिर जिला सहारनपुर।
– विक्की उर्फ विक्रांत (28) पुत्र ऋषिपाल निवासी मजरी थाना दौराला जिला मेरठ।
– कपिल उर्फ कुलदीप (23) पुत्र बृजपाल निवासी खनोदा थाना पल्लवपुर जिला मेरठ।
– राजेंद्र (67) निवासी जनता कालोनी, मोदीपुरम जिला मेरठ।
तलाक के बाद भी साथ रह रहे थे दोनों
आकाश और विधि दोनों पहले से विवाहित थे। आकाश ने अपनी पूर्व पत्नी और विधि ने अपने पूर्व पति को तलाक दिया। फिर दोनों ने अप्रैल 2014 में प्रेम विवाह कर लिया। दोनों के घर वाले शादी को लेकर खुश नहीं थे। ऐसे में दोनों घर वालों से अलग देहरादून में आकर रहने लगे, लेकिन यहां दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। रिश्ते में ऐसी दरार पड़ी कि दोनों ने 20 जनवरी 2017 को तलाक ले लिया। दोनों का एक बेटा था। इस कारण तलाक के बाद भी दोनों बेटे के साथ एक ही घर में रह रहे थे। यहां तीन महीने बाद ही आकाश ने विधि की हत्या कर दी।
इंश्योरेंस क्लेम के चक्कर में फंसा आरोपी पति
विधि की मौत से कुछ दिन पहले पांच अप्रैल को आकाश ने उसका 60 लाख का रुपये का निजी कंपनी से इश्योरेंस करवाया। विधि की मौत के ठीक 15 दिन बाद आकाश ने इंश्योरेंस पाने के लिए क्लेम कर दिया। इसमें उसने पहले विधि की मौत को प्राकृतिक बताया, लेकिन कंपनी जांच ने शुरू की तो आकाश ने पत्नी की ब्रेस्ट कैंसर से मौत होने की जानकारी कंपनी को भेजी। यहां से वह पकड़ में आया।
तलाक के बाद नौ लाख पर होता था विवाद
एसपी सिटी पीके राय ने बताया कि आकाश से शादी करने से पहले विधि ने अपने पहले पति से तलाक लिया था। तलाक के दौरान उसे मुआवजे के तौर पर 15 लाख रुपये मिले थे। आरोप है कि इसमें से नौ लाख रुपये विधि ने शादी होने पर आकाश को दे दिए। इसका भुगतान आकाश विधि से तलाक लेने के बाद भी नहीं कर रहा था। आकाश आर्थिक तंगी से परेशान था। इससे निजात पाने के लिए विधि की हत्या की साजिश रची।
अफेयर के चलते बिगड़ा रिश्ता
आकाश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उससे शादी के बाद भी विधि का किसी और व्यक्ति से अफेयर था। इसे लेकर दोनों के बीच तकरार होती थी। इस बीच आकाश के दोस्त अखिल ने कहा कि विधि को उसकी हत्या कर रास्ते से हटाया जा सकता है। उसी के कहने पर उसने विधि का इंश्योरेंस करवाया और हत्या की साजिश रची।
पशुओं के डाक्टर ने दी नशीली दवाएं
अखिल ने विधि की हत्या के लिए आकाश की मुलाकात कथित पशुओं के डाक्टर अंकुर से कराई। अंकुर ने चार लाख रुपये में सौदा तय किया और इसके एवज में एक-एक लाख रुपये के चार चेक ले लिए। उसने आकाश को कुछ दिवाए दीं, जिन्हें विधि के खाने में मिलाकर देने को कहा गया। इसके बाद लगातार विधि की तबीयत खराब होती चली गई। तीनों ने योजना के तहत उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां भी उसकी ड्रिप में नशीली दवाएं और खाली सिरिंज से नशों में हवा छोड़कर हत्या की कोशिश की, लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद आकाश मोदीपुरम मेरठ के एक अस्पताल में कर्मचारी कपिल उर्फ कुलदीप और राजेंद्र के संपर्क में आया। दोनों ने कहा वह विधि की इस तरह हत्या करेंगे कि उसे सामान्य मौत समझा जाएगा।
22 जुलाई की रात आकाश के साथ कपिल और कुलदीप देहरादून पहुंचे और उसकी ग्लूकोश की ड्रिप में नशे के इंजेक्शन दिए। कहा कि इंजेक्शन से विधि की मौत हो जाएगी, लेकिन रात साढ़े तीन बजे तक विधि जिंदा रही तो आरोपियों ने तकिए से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हालांकि हत्या के बाद मौके पर स्थित ऐसी दिखाई गई कि उपचार के दौरान अचानक उसकी मौत हुई है। आकाश विधि की हत्या की डील के दौरान जो चेक दिए उनके बाउंस होने पर आरोपियों ने आकाश पर केस भी किया।
डीआईजी-एसएसपी ने दिया ईनाम
खुलासा करने वाली टीम में सीओ सदर बहादुर सिंह चौहान, इंस्पेक्टर पटेलनगर सूर्यभूषण नेगी, एसओजी प्रभारी पीडी भट्ट, एसएसआई पटेलनगर विपिन बहुगुणा, एसआई मुकेश भट्ट, विवेक भंडारी, राजीव कुमार, सिपाही अजय कुमार, आशीष राठी, राजीव, राजेश, जितेंद्र, एसओजी सिपाही प्रमोद और आशीष शर्मा आदि शामिल रहे। हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीआईजी अजय रौतेला ने पांच हजार और एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने ढाई हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है।