विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का उद्घाटन 27 जुलाई को होगा और 28 जुलाई से मेला शुरू हो जाएगा। वहीं बांग्ला सावन 18 जुलाई से ही प्रारंभ हो चुका है और बांग्ला सावन मनाने वाले कांवरिया बंगाल एवं नेपाल से आ रहे हैं। पूजा-पाठ कर उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर देवघर रवाना हो रहे हैं। मंगलवार को 30 हजार कांवरिया जल लेकर देवघर रवाना हुए।
श्रावणी मेला के उद्घाटन को अब दो दिन बचे हैं, फिर भी अबतक कोई विभाग अपने कार्यों को अंतिम रूप नहीं दे पाया है। मेले की तैयारी के नाम पर बैठक और निरीक्षण का दौर एक माह से अधिक समय से चल रहा है। इस बीच आयुक्त, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी सहित अन्य अधिकारी पहुंचते रहे और कांवरियों को बेहतर सुविधा देने का दावा करते रहे फिर भी समय सीमा से पहले अधिकांश कार्य पूरा नहीं हो सके हैं। कई गंगा घाट अब भी खतरनाक है और गंदगी फैली हुई है। ऐसे में कार्य को जैसे-तैसे पूरा किया जा रहा है।
ऐसे में कांवरियों को इस बार भी परेशानी उठानी पड़ेगी। वैसे सोमवार को डीएम के निरीक्षण के बाद कार्य में तेजी लाया गया है लेकिन नाकाफी है। बिजली विभाग भी अपने कार्य को पूरा नहीं कर पाया है। निर्धारित जगह सहित स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। कांवरिया मार्ग में भी रोशनी की व्यवस्था नहीं की गयी है। पीएचईडी अब अपने कार्य की गति को तेज किया है। फिर भी पानी टंकी से सप्लाई और नल की व्यवस्था पूरी नहीं हो पाई है। चापाकल अब भी कई जगह खराब हैं।
नई सीढ़ी घाट पर नप के अलावा पीएचईडी द्वारा यूरिनल, वस्त्र बदलने का घर और वीआईपी शौचालय को व्यवस्थित बना दिये जाने का दावा किया गया है। बालू घाट पर वस्त्र बदलने का घर बनाया जा रहा है। लेकिन श्रावणी मेले के दौरान आने वाली भीड़ के आगे नाकाफी है।
नप द्वारा महिला के वस्त्र बदलने के घर को पतले कपड़े से घेरकर खानापूर्ति की गई है। पीएचईडी द्वारा केएम कॉलेज में स्नानागार बनाने कार्य शुरू नहीं हो सका है और न ही इस कॉलेज में कीचड़ से बचाव के लिए कैंपस में बालू डाया गया है। विभाग कुछ वैट को बिजली के अभाव में चालू नहीं कर सका है। धांधी बेलारी शौचालय में पेन साईफन अभी चेंज किया जा रहा है। वहीं टेंट लगाने का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है।
वहीं सोमवार को जिलाधिकारी के निर्देश के बाद नई सीढ़ी घाट पर लगे म्यूजिकल फव्वारा को चालू कर दिया गया। अजगैबीनाथ मंदिर पर पानी की सप्लाई चालू किये जाने के साथ ही यात्री शेड, सीढ़ी घाट पर भी आपूर्ति शुरू कर दी गई।
स्टेशन रोड और बाइपास की मरम्मत नहीं
नगर परिषद क्षेत्र के स्टेशन रोड और बायपास रोड पर हुए गड्ढों को भरा भी नहीं जा सका है। अतिक्रमित मेला क्षेत्र की जमीन को अबतक खाली नहीं करायी गयी है। कांवरिया कच्ची पथ पर बालू बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। नगर परिषद द्वारा पोलों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। नाला उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है। लेकिन नगर में हुए नाला निर्माण के ऊपर ढक्कन नहीं डाला गया है। नयी सीढ़ी घाट पर पहले से लगे ढक्कन भी टूटा पड़ा है फिर भी मरम्मत नहीं की गई है। ऐसे में जब कांवरियों की भीड़ बढ़ेगी तो खतरा हो सकता है।
सुल्तानगंज में गंगा का जलस्तर स्थिर
सुल्तानगंज। श्रावणी मेला में आने वाले कांवरियों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। लेकिन कांवरियों के लिए अब तक गंगा घाट को सुदृढ़ नहीं किया जा सका है। अभी यहां गंगा का जलस्तर स्थिर है। यहां बल्ला से बैरिकेडिंग कर गंगा किनारे बलकस बालू भरकर जहां-तहां बिछायी गई है। जानकारों के अनुसार बोरे में बलकस ब़ालू के बजाय लाल बालू देनी चाहिए, जो नहीं दिया जा रहा है। घाट किनारे सुगमता से उतरने के लिए स्लोप कर बोरा नहीं बिछाए जाने से कांवरियों को परेशानी होती है। अगर यहां गंगा का पानी बढ़कर पक्की सीढ़ी घाट तक आ जाता तो कांवरिया को स्नान करने में सुविधा होती।