तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट से कहा-

तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट से कहा-

तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट को मंगलवार को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता कभी गर्भवती नहीं थीं। बेंगलुरू की रहने वाली अमृता नाम की एक महिला द्वारा दायर किए एक केस में दावा किया गया है कि वह तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बेटी है। इस केस की बहस की बहस के दौरान एडवोकेट जनरल विजय नारायण ने कोर्ट में कहा कि तमिलनाडु पूर्व मुख्यमंत्री कभी गर्भवती नहीं थीं।

एडवोकेट जनरल की ओर से कहा गया कि केस करने वाली महिला की मंशा जयललिता की सम्पत्ति पर कब्जा करने की है। साथ ही उन्होंने महिला से पूछा कि उन्होंने कभी जयललिता के साथ कभी फोटो क्यूं नहीं ली? साथ ही विजय नारायण द्वारा जस्टिस एस विद्यानाथन के सामने तर्क रखा कि अमृता ने कोर्ट को बताया है कि उसका जन्म 1980 में हुआ है। वहीं विजय नारायण ने कोर्ट में एक वीडियो क्लिप भी पेश की, जो कि महिला के जन्म का दावा करने के एक महीने पहले की है। जिस पर नारायण के कहा कि इस वीडियो मे जयललिता के गर्भवती होने के कोई प्रमाण नहीं दिखते।

इसके अलावा विजय नारायण न कोर्ट मे कहा कि जयललिता के और भी परिजन हैं, जिनके डीएनए सैम्पल से अमृता के डीएनए की तुलना की जा सकती है। अपनी याचिका मे अमृता ने कोर्ट से जयललिता की पार्थिव शरीर का हिन्दू रीति रिवाज से क्रिया कर्म करने की अनुमति मांगी थी।

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