बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि वे डीजीपी का यह संदेश लेकर आये हैं जिसमें गोलियों का जवाब गोली से देने की बात कही है। बुधवार को पुलिसलाइन में प्रेस वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो आपराधिक घटना करते हैं, हथियार लहराते हैं उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब देना है।
पुलिस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि अब सेंसर मिलने या एसीआर लंबित रहने के कारण पुलिसकर्मियों की प्रोन्नति बाधित नहीं होगी। विधि-व्यवस्था और अनुसंधान को अलग किये जाने और पुलिसकर्मियों से रोस्टर के अनुसार आठ घंटा काम लिए जाने की मांग की गयी है। वर्तमान में 90 हजार पुलिसकर्मी बिहार में हैं। जल्द ही 5243 दारोगा की बहाली निकलने वाली है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों का दौरान कर पुलिसकर्मियों के हित की पूरी हुई मांगों के बारे में बताने के लिए वे निकले हैं। कई जिलों का दौरा करते हुए वे भागलपुर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की समस्या के समाधान के लिए डीआईजी-आईजी और डीजीपी स्तर से मिलकर वे बात करेंगे।
पुलिस को छुट्टी मिलनी चाहिए.
प्रांतीय अध्यक्ष ने डीआईजी विकास वैभव से मुलाकात की और पुलिसकर्मियों की समस्या उनके सामने रखी। उन्होंने भागलपुर इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी समस्या जानी। पदाधिकारियों ने छुट्टी देने में अधिकारियों द्वारा आनाकानी किये जाने की बात कही। अध्यक्ष ने कहा कि छुट्टी उन्हें मिलनी ही चाहिए। इस दौरान प्रांतीय महामंत्री दीनबंधु राम, उपाध्यक्ष जेड खान, संयुक्त महामंत्री रवींद्र कुमार सिंह, भागलपुर शाखा के अध्यक्ष दशरथ यादव, सचिव भोला सिंह, संयुक्त सचिव उपेंद्र तिवारी, सदस्य मुकेश सिंह, नवगछिया शाखा के सचिव सुबोध कुमार सिंह, उपाध्यक्ष राधेश्याम सिंह, बीएमपी-तीन के अध्यक्ष मुनिलाल मंडल, भागलपुर पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार मौजूद थे।
ऐसा नहीं कहा, गैरकानूनी है: डीजीपी
डीजीपी केएस द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने कभी किसी से ऐसा नहीं कहा। यह गैरकानूनी है। उन्होंने ऐसा कभी संदेश नहीं दिया। पुलिस एसोसिएशन के लोग गलत बोल रहे हैं। उनका चुनाव है, इसलिए वे लोग अपना हवा बनाने के लिए यह सब बोल रहे हैं।