नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से रेलिक गैलेक्सी का पता लगाया है। यह रेलिक गैलेक्सी आकाशगंगा के पिछले हिस्से में मिली है। इसकी पूरी रिपोर्ट जर्नल नेचर में प्रकाशित की गई है। इसमें सामने आया है कि आकाश गंगा के मुकाबले रेलिक गैलेक्सी में तारों की संख्या दोगुनी है। हालांकि, इसका आकार आकाशगंगा के मुकाबले एक चौथाई ही है।
इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि एनजीसी 1277 में आकाशगंगा की तरह गोलाकार समूह नहीं है। आकाशगंगा में नीले और लाल दोनों रंग के मेटल मौजूद हैं लेकिन एनजीसी 1277 में ब्लू ग्लोब्लर क्लस्टर की कमी है।
स्पेन के ला लागुना विश्वविद्यालय से संबंधित माइकल बेस्ली ने बताया कि मैं लंबे समय से ग्लोब्लर क्लस्टर का अध्ययन कर रहा हूं। लेकिन मैंने इस तरह का ग्लोब्लर क्लस्टर पहली बार देखा है।
वहीं, एनजीसी 1277 में ब्लैक होल भी मिला है जिसका आकार अन्य के मुकाबले कहीं अधिक है। इससे पहले भी हबल टेलीस्कोप ने रेलिक गैलेक्सी की खोज की है लेकिन यह सबसे करीबी है। एक अन्य वैज्ञानिक इगनाकियो ट्रूजिलो ने कहा कि हम इस तरह की आकाशगंगाओं का पूरी तरह से विस्तार कर सकते हैं और प्रारंभिक ब्रह्मांड की स्थितियों की जांच कर सकते हैं।