प्राचीन चिकित्सा विज्ञान को वैज्ञानिक मान्यता देने और इसे तकनीक से जोड़ने के लिए आईआईटी दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के बीच मंगलवार को एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। समझौते के तहत इन लक्ष्यों को पाने के लिए परियोजनाएं प्रारंभ की जाएंगी। परियोजनाओं का वित्तपोषण आयुष मंत्रालय करेगा।
एमओयू के तहत आईआईटी दिल्ली और एआईआईए फैकल्टी इन परियोजनाओं पर मिलकर काम करेंगे और आयुर्वेद को तकनीक से जोड़ने के तरीकों को खोजेंगे।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वीआर राव और एआईआईए निदेशक तनुजा नेसारी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
नेसारी ने कहा कि आयुर्वेद को आमतौर पर धर्म से जोड़ा जाता है, जबकि वास्तविकता में उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। आयुर्वेद एक विज्ञान है और आईआईटी दिल्ली के साथ किया गया समझौता इसे तकनीक से जोड़ने का प्रयास है।