कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत कर उन्हें रिझाने के लिए मोदी सरकार वेतन ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। वेतन ढांचे में सरकार एलटीए और एचआरए जैसे भत्तों की अधिकतम सीमा तय कर सकती है।
संसद के मानसून सत्र में सरकार इसके लिए एक विधेयक लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित बदलाव में सरकार ‘कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी)’ में मूल वेतन का हिस्सा बढ़ाने के पक्ष में है, जिससे कर्मचारी के पीएफ, ग्रेच्युटी में ज्यादा रकम जा सके।
जानकारों का तर्क है कि पीएफ में ज्यादा रकम जमा होने से कर्मचारी भविष्य में ज्यादा पेंशन का हकदार होगा जिससे वह आर्थिक तौर पर ज्यादा सुरक्षित रहेगा। बुधवार को संसद में श्रम मंत्रालय की स्थायी समिति की नए प्रस्ताव पर तैयार ड्राफ्ट को स्वीकार करने को लेकर बैठक है। इस मौके पर टेक्सटाइल मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
मूल वेतन बढ़ेगा
नए प्रस्ताव के मुताबिक भत्तों की कुल रकम मूल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। अगर 50 फीसदी से ज्यादा भत्ते होते हैं तो उसे मूल वेतन में जोड़ा जाएगा। इस तरह से मूल वेतन में बड़ा इजाफा किया जा सकता है।