तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह का विरोध करने वाली दरगाह आला हजरत खानदान की बहू निदा खान उलेमा के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। निदा ने कहा है फतवे देकर इस्लाम से खारिज करने वाले कौन होते हैं। जवाब उन्हें कोर्ट में देना होगा।
आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा ख़ान के खिलाफ दरगाह आला हज़रत के दारूल इफ्ता ने फतवा जारी किया था। फतवे के मुताबिक निदा खान की बयानबाज़ी को आलिमों ने ग़ैर इस्लामी क़रार दिया और उसको इस्लाम से खारिज कर*दिया। फतवा जारी होने के बाद निदा खान ने कहा देश में लोकतंत्र है इसलिए यहां देश का कानून ही चलेगा। फतवे देकर इस्लाम से खारिज करने वाले कौन होते है। फतवे देखकर कुछ लोग वसूली करते हैं। ऐसे फतवों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा, ‘मुझे इस्लाम से खारिज करने वाले होते कौन हैं। आजाद मुल्क भारत में एक साथ दो कोर्ट नहीं चल सकती है। रही शरीयत की बात तो शरीयत पहले वो अपने घर में जाकर लागू करें फिर लोगों पर लागू करें, क्योंकि उनको बस शरीयत के नाम पर आवाम को भड़काना आता है।’