कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) का गठन कर दिया है। नई सीडब्लूसी में अनुभवी और युवाओं नेताओं को जगह दी गई है। वहीं इसमें सुशील शिंदे, दिग्विजय सिंह, आरके धवन जैसे पुराने चेहरे अब नजर नहीं आएंगे। इसके अलावा नई टीम से लंबे समय तक सोनिया गांधी के बेहद करीबी रहे जनार्दन द्विवेदी बाहर हो गए हैं जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंह, राज्यसभा सदस्य पी एल पुनिया को जगह मिली है। राहुल गांधी ने अपनी टीम में यूपी से नए व युवा चेहरों के साथ ही जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा है। राहुल की नई टीम में बिहार और बंगाल से कोई नहीं है।
यूपी से 5 सदस्य
यूपी का रुतबा इससे भी बढ़ जाता है कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष और सोनिया गांधी भी यूपी से ही हैं। उनके अलावा यूपी से सबसे ज्यादा पांच कांग्रेसी नेताओं को तरजीह मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के ठीक सात महीने बाद राहुल गांधी ने अपनी टीम की घोषणा की है। राहुल ने ज्यादातर प्रदेशों का प्रभार भी युवाओं को ही सौंपा। उन्होंने पार्टी के महासचिव पद से जनार्दन द्विवेदी को पहले ही हटा दिया था। उनकी जगह आए अशोक गहलौत ने ही सूची जारी की है।
राहुल की टीम में यूपी से दो अनुभवी तो दो युवा चेहरों की एंट्री हुई है। झारखण्ड के प्रभारी आरपीएन सिंह 15वीं लोकसभा में कुशीनगर से सांसद रह चुके हैं। वहीं यूपीए सरकार में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री भी रहे। राहुल की टीम में अनुभवी पीएल पुनिया भी है। पुनिया 2009 में यूपी से लोकसभा पहुंचे और मौजूदा समय में राज्यसभा सद़स्य हैं और छत्तीसगढ़ प्रभारी भी हैं। पुनिया उसी बाराबंकी से सांसद रहे जहां की सांसद रही वरिष्ठ कांग्रेसी मोहिसिना किदवई लम्बे समय तक कार्यसमिति की सदस्य रही हैं।
पुनिया को जहां दलित चेहरे के रूप में तवज्जो मिली है तो उत्तराखण्ड प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह इलाहाबाद क्षत्रिय चेहरे के रूप में शामिल किए गए हैं। वह कई बार विधायक रह चुके हैं। वहीं जितिन प्रसाद भी 14वीं व 15वीं लोकसभा का हिस्सा रहते हुए यूपीए सरकार के मंत्रिमंडल में थे। प्रमोद तिवारी की तुलना में यूपी से उन्हें जगह देकर नेतृत्व ने बतौर ब्राह्मण चेहरा उन पर भरोसा किया है। वहीं युवा कांग्रेस के बलिया निवासी राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चंद्र यादव को जगह देकर क्षेत्र और पिछड़ों को भी संदेश दिया गया है। राहुल ने अपनी कार्यसमिति में 23 सदस्य शामिल किए हैं। 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्यों की सूची जारी की गई है।
सीडब्लूसी में दो पद खाली
नई सीडब्लूसी में कुल 51 सदस्य होंगे। इनमें 23 सदस्य, 18 स्थाई सदस्य और दस विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। राहुल गांधी ने पहली बार कांग्रेस के मोर्चा संगठन मसलन यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, इंटक और सेवा दल के अध्यक्षों को सीडब्लूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया है। अभी तय यह विस्तारित सीडब्लूसी समिति के सदस्य होते थे। मोर्चा संगठनों के साथ अरुण यादव, जितिन प्रसाद और दीपेंद्र हुड्डा को भी सीडब्लूसी का विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया है।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया और विभिन्न प्रदेशों का प्रभार संभाल रहे अनुग्रह नारायण सिंह और राजीव सातव जैसे कई युवा नेताओं को सीडब्लूसी का स्थाई सदस्य बनाया गया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगई भी सीडब्लूसी के सदस्य बनाए गए हैं।
तरुण गोगई के बेटे गौरव गोगई भी सीडब्लूसी के स्थाई आमंत्रित सदस्य हैं। वह पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार के प्रभार संभाल रहे हैं। कांग्रेस संविधान के मुताबिक सीडब्लूसी में 25 सदस्य होते हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी सिर्फ 23 सदस्यों की घोषणा की है। ऐसे में सीडब्लूसी में दो पद खाली हैं।
कमलनाथ शामिल नहीं
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को जल्द कांग्रेस महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। उन्हें नई सीडब्लूसी में जगह नहीं मिली है। ऐसे में यह तय है कि जल्द ही हरियाणा की जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को सौंपी जा सकती है।
नहीं आएंगे नजर
– दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश, सुशील कुमार शिंदे, मधुसूदन मिस्त्री, बीके हरिप्रसाद, शकील अहमद, आरके धवन, जनार्दन द्विवेदी और सीपी जोशी आदि कई चेहरे बैठक में नजर नहीं आएंगे।