प्राइवेट हॉस्पिटल की नर्सों को मिलेगा सरकारी अस्पतालों की नर्सों के बराबर वेतन

प्राइवेट हॉस्पिटल की नर्सों को मिलेगा सरकारी अस्पतालों की नर्सों के बराबर वेतन

राष्ट्रीय राजधानी के निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में काम करने वाली हजारों नर्सों को सरकारी अस्पतालों की नर्सों के बराबर वेतन-भत्ता एवं अन्य लाभ मिलेगा। हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने 200 से अधिक बिस्तरे वाले निजी अस्पतालों की नर्सों को सरकारी अस्पतालों की नर्सों के बराबर वेतन देने की सिफारिश की थी।

इस फैसले के बारे में दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को जानकारी दी है। सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक कीर्ति भूषण ने सभी निजी अस्पतालों-नर्सिंग होम को तीन माह के भीतर इस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है।  साथ ही कहा कि आदेश का पालन नहीं करने पर अस्पतालों व नर्सिंग होम पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में नर्सों के कामकाज की स्थिति व सेवा शर्तों में सुधार के लिए निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के दिशा निदेर्शों का पालन कराने के लिए दिल्ली सरकार को आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सभी पहलुओं पर गौर करते हुए सभी अस्पतालों व नर्सिंग होम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने यह आदेश इंडियन प्रोफेशनल नर्स एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता अमित जार्ज द्वारा दाखिल याचिका पर दिया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद निजी अस्पतालों में काम करने वाली नर्सों के कामकाज की खराब स्थिति में न तो सुधार आया और न ही शोषण रुका। जार्ज ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ को बताया था कि नर्सों से दो गुना काम लिया जाता है और उन्हें वेतन कम दिया जाता है। हाईकोर्ट में बुधवार को मामले की सुनवाई होगी।

ये हैं सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश

– 1 लाख के करीब नर्स हैं दिल्ली के निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में

वेतन
– 200 बिस्तरे वाले निजी अस्पतालों में नर्सों का वेतन-भत्ता संबंधित राज्य के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले समकक्ष के बराबर होना चाहिए।

– 100 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों में नर्सों का वेतन-भत्ता संबंधित राज्य के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले के समकक्ष से महज 10 फीसदी कम होना चाहिए।

– 50 से 100 बेड तक वाले अस्पतालों में नर्सों का वेतन-भत्ता संबंधित राज्य के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले समकक्ष से महज 25 फीसदी कम होना चाहिए।

– 50 से कम बेड वाले निजी अस्पतालों में नर्सों का न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये तय है।

अन्य लाभ
– कामकाज की स्थिति, छुट्टियां, काम का समय, चिकित्सा सुविधाएं, परिवहन, आवास व अन्य सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले नर्सों के बाराबर होने चाहिए।

कितना होना चाहिए मरीज व नर्स का औसत
आईसीयू में- 1 मरीज पर 1 नर्स होनी चाहिए, लेकिन 1 नर्स को तीन से 4 मरीजों की देखरेख करनी होती है।
वार्ड में – 4 से 6 मरीज पर 1 नर्स होना चाहिए, लेकिन 1 नर्स को 12 से 15 मरीजों की देखरेख करनी होती है।

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