एंबुलेंस नहीं मिली तो महिलाओं ने खुद अर्थी उठाकर श्मशान तक पहुंचाया

एंबुलेंस नहीं मिली तो महिलाओं ने खुद अर्थी उठाकर श्मशान तक पहुंचाया

पीएमसीएच में वृद्धा (60 वर्ष) की सोमवार को मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिली तो उसके परिवार की दो महिलाओं ने खुद अर्थी को कंधा देकर बांसघाट पहुंचाया। परिजनों का आरोप है कि शव बांसघाट तक ले जाने के लिए शव वाहन या एंबुलेंस की मांग वहां के कर्मियों से की गई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

प्राइवेट एंबुलेंस वालों ने चार हजार रुपए मांगे। उनके पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए इन लोगों ने पीएमसीएच गेट नंबर दो के पास से अर्थी खरीदी और दो महिलाओं व अन्य परिजन शव उठाकर बांसघाट चल दिए। बिहारशरीफ की शांति देवी दो दिन से पीएमसीएच इमरजेंसी में भर्ती थी। शरीर के एक हिस्से में लकवा मार दिया था। सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। उसके गांव से आए पंचायत समिति सदस्य रविंद्र यादव ने बताया कि एंबुलेंस के लिए अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन मदद नहीं मिली।

अधीक्षक ने कहा, सूचना नहीं दी, कराएंगे जांच
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ऐसी किसी प्रकार की घटना की उन्हें सूचना नहीं है। ऐसी बात थी तो परिवार के सदस्य को मुझे सूचना देनी चाहिए थी। गरीबों के लिए नि:शुल्क व्यवस्था है। ऐसे इसकी छानबीन कराएंगे। यदि किसी कर्मी ने लापरवाही बरती होगी तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी हुई है घटना
पहले भी पीएमसीएच में शव वाहन नहीं मिलने पर मधेपुरा का एक परिजन  कंधे पर शव उठाकर चल दिया था। इमरजेंसी से गेट तक जाने पर अधिकारी हरकत में आए। बाद में सरकार की ओर से पत्र जारी किया गया कि शव ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था करें। शव वाहन नहीं हो तो निजी वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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