देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ावा देने के लिए सरकार पेट्रोल और डीजल कार पर थोड़ा ज्यादा टैक्स लगाने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से सरकार पर इलेक्ट्रिक वाहनों की फेम योजना को प्रोत्साहन देने का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह जानकारी वित्त मंत्रालय द्वारा फेम योजना के दूसरे चरण के लिए एक्जिक्यूटिव फाइनेंस कमेटी को भेजे एक मेमोरेंडम से मिली है।
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक इस कदम से लोग पेट्रोल और डीजल कारों की खरीद कम करेंगे। इस खबर पर सियाम ने कोई टिप्पणी नहीं की है। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता की सोसाइटी से जुड़े शीर्ष अधिकारी सोहिंदर गिल ने बताया कि सरकार के पास सब्सिडी देने के लिए नकदी की कमी है। ग्राहक तभी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेंगे जब उनकी कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों जितनी होगी।
उनके मुताबिक पेट्रोल-डीजल वाहनों पर एक फीसदी टैक्स बढ़ाने से बड़ी मात्रा में पैसा आएगा जिससे 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी दी जा सकती है। दूसरी तरफ भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम स्कीम को 2022-23 तक चलाने के लिए 9,381 करोड़ रुपए की मांग की है। फेम स्कीम के दूसरे चरण को लागू करने को 3 बार टाला जा चुका है। नई स्कीम इस साल सिंतबर तक आ जाएगी।