उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सीधे तौर पर अपनी निगरानी में रखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों ते ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ अमित शाह ने संगठनात्मक मजबूती के कदम उठाने शुरू कर दिए है। सभी जिलों में लोकसभा चुनाव प्रभारियों के साथ प्रदेश स्तर पर भी संगठन में कुछ प्रमुख नेताओं को जोड़ा जाएगा।
भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश इसलिए भी सबसे अहम है, क्योंकि उसने मौजूदा लोकसभा की सबसे ज्यादा 71 सीटें यहीं से जीती हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्षी खेमे की एकजुटता की कवायदों खासकर सपा व बसपा के साथ चुनाव लड़ने की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा के लिए चुनौती कड़ी होगी। वाराणसी से सांसद होने से उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री का भी प्रदेश है, ऐसे में मोदी खुद आगे बढ़कर कमान संभाल रहे हैं।
जुलाई में मोदी पांच दिन उत्तर प्रदेश में
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चार व पांच जुलाई के अपने दौरे में अमित शाह ने प्रदेश की चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ प्रदेश संगठन के पेंच भी कसे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुलाई में उत्तर प्रदेश में पांच दिन दौरा करेंगे। मोदी नौ जुलाई को नोयडा में सैमसंग की मोबाइल निर्माण इकाई का उद्घाटन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ कर चुके हैं। 14 जुलाई को उनका आजमगढ़ में कार्यक्रम हैं, जहां वे लखनऊ को बलिया से जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास व सभा करेंगे। उसी दिन वे वाराणसी जाएंगे और अपने संसदीय क्षेत्र के पांच सौ प्रबुद्धजनों से मुलाकात करेंगे।
किसान कल्याण रैली समेत कई कार्यक्रम
प्रधानमंत्री 15 जुलाई को वाराणसी में कई कार्यक्रमों के शिलान्यास व समीक्षा कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। साथ ही जनसभा को भी संबोधित करेगे। इनमें वाराणसी के गंगा घाटों के नवीनीकरण की समीक्षा व चुनाव में बाणसागर परियोजना व गंगा पर बने पुल का लोकार्पण का कार्यक्रम भी है। इसके बाद 21 जुलाई के अपने दौरे में प्रधानमंत्री शाहजहांपुर में किसान कल्याण रैली करेंगे। प्रधानमंत्री 29 जुलाई को लखनऊ में शहरी विकास मंत्रालय के कार्यक्रम में शामिल होंगे।