भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह एक राष्ट्र एक चुनाव के पक्ष में पूरी तरह है। विधि आयोग के विचार विमर्श में भाजपा के न जाने पर पार्टी ने कहा है कि वह आयोग के सामने पूरी तैयारी से जाएगी और बताएगी कि एक साथ चुनाव किस तरह कराए जा सकते हैं। विधि आयोग ने बीते दो दिनों में विभिन्न दलों के साथ लोकसभा व विधनासभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर उनकी राय जानी थी, जिसमें 13 दलों ने अपने विचार रखे थे।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि एक राष्ट्र एक चुनाव की पहल भाजपा की ही है। ऐसे में उसके पीछे हटने या चुप्पी साधने का सवाल ही नहीं उठता है। चूंकि भाजपा इस बारे में पहले ही अपनी राय रख चुकी है इसलिए अब उसे केवल राय नहीं रखनी है बल्कि पूरी तैयारी के साथ आगे की राय रखेगी। चुनाव कैसे एक साथ कराए जा सकते हैं? किस तरह की प्रक्रिया होगी? कब हो सकते हैं? आदि कई तरह के संभावित समाधानों के साथ पार्टी अपनी बात ठोस रूप में रखेगी। गौरतलब है कि भाजप व कांग्रेस समेत कई दलों ने अभी अपना पक्ष नहीं रखा है।
गौरतलब है कि देश में लोकसभा व विधानसभा चुनावों को एक साथ कराए जाने को लेकर विधि आयोग ने बीते दो दिनों के सत्र में देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श किया था। इसमें 13 दलों ने अपनी बात रखी। एक साथ चुनाव कराए जाने के पक्ष में शिरोमणि अकाली दल, अन्नाद्रमुक, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने अपना पक्ष रखा। इन दलों ने कब चुनाव कराए जाएं इस पर अलग अलग राय रखी, लेकिन उन्होंने एक साथ ही चुनाव कराने का समर्थन किया। दूसरी तरफ नौ दलों ने एक साथ चुनाव कराए जाने का विरोध किया है। इनमें तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, तेलुगुदेशम, माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लाक व जेडीएस शामिल थे।
भाजपा के बाद कांग्रेस खोलेगी पत्ते
प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर अभी तक अपना राय नहीं रखी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का कहना है कि पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा अपना पक्ष रखे और बताए कि किस तरह यह संभव होगा, तब वह भी अपनी राय रखेगी।