बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभी किसी गठबंधन का वजूद नहीं है। कोई गठबंधन सामने आए, तब तो उस पर कोई विश्लेषण किया जाए। एनडीए के खिलाफ गठबंधन अभी हवा में है। मुख्यमंत्री एक- अणे मार्ग में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए अच्छे ढंग से कार्य कर रहा है। कहीं कोई मतभेद नहीं है। जहां तक लोकसभा में सीट बंटवारे की बात है तो इसमें कोई हड़बड़ी नहीं है। वक्त का इंतजार कीजिए। समय आने पर इस पर बात होगी। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पटना आ रहे हैं, उनसे भी मेरी बात होगी।
उन्होंने बिहार के बाहर जदयू के चुनाव लड़ने पर कहा कि कई राज्यों में वहां के जदयू नेताओं की भावना को देखते हुए उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाती है। नेता अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तर चाहते हैं। जदयू नगालैंड में एक सीट जीतकर सरकार का हिस्सा है। कर्नाटक में भी चुनाव लड़े थे। लेकिन भाजपा के साथ हमलोगों का जो राजनीतिक संबंध है, उसे छोड़कर किसी और के साथ गठबंधन होगा, यह संभव नहीं है।
पुलिस जांच के खिलाफ बयान अनुचित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना किसी का नाम लिए नवादा में केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर कहा कि यह उचित नहीं है। किसी की गिरफ्तारी हुई है तो कोर्ट में उसको चुनौती दी जा सकती है। लेकिन कोई व्यक्तिगत रूप से पुलिस जांच के खिलाफ बोले, यह ठीक नहीं है।
राजद नेताओं का आचरण मर्यादाहीन
मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उनको फोन करने के बाद राजद नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर कहा कि यह मार्यादाहीन आचरण है। मैंने तो चार बार लालू प्रसाद की स्वास्थ्य की जानकारी के लिए फोन किया था। राजद नेताओं का यह आचरण समाज में घृणित वातावरण पैदा करने वाला है। ऐसे में तो कोई किसी बीमार का हाल ही नहीं पूछेगा।
एक साथ चुनाव 2024 तक संभव नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के सिद्धांत से हमलोग सहमत हैं, लेकिन यह 2019 तो क्या 2024 तक संभव नहीं है। इसके लिए कई प्रावधानों को खत्म करना होगा। इसके लिए वातावरण बनाने की कोशिश होनी चाहिए। साथ ही चुनाव में स्टेट फंडिंग होनी चाहिए। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
समान नागरिक संहिता में संवाद जरूरी
समान नागरिक संहिता पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे बना देना इतना आसान नहीं है। इसके लिए सभी धर्मों और विचारों के लोगों से संवाद जरूरी है।