भारत ने गुरुवार को कहा कि विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण अनुरोध पर मलेशिया सक्रियता से विचार कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने जनवरी में नाइक को प्रत्यर्पित करने का औपचारिक अनुरोध किया था। नाइक अपने घृणा भाषणों के जरिए युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए कथित तौर पर भड़काने के आरोप में वांछित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस समय हमारे अनुरोध पर मलेशियाई पक्ष गंभीरता से विचार कर रहा है। कुआलालंपुर में हमारा उच्चायोग इस संबंध में संबंधित मलेशियाई अधिकारियों से नियमित संपर्क में है। रवीशु कुमार से नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के अनुरोध की स्थिति के बारे में सवाल किया गया था। भारत ने मलेशिया के साथ प्रत्यर्पण संधि कर रखी है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले कई रिपोर्टों में कहा गया था कि मलेशिया सरकार नाइक को भारत को प्रत्यर्पित कर रही है। इस खबर के बाद नाइक ने एक बयान में कहा कि जब तक वह सुरक्षित महसूस नहीं करता, वह भारत नहीं लौटेगा। नाइक के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी आतंकवाद एवं धन शोधन के आरोप की जांच कर रही है। वह जुलाई 2016 में भारत छोड़कर चला गया था।
कांग्रेस ने विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक के संदर्भ में अपने नेता सलमान खुर्शीद के बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी का पहले से यह रुख रहा है कि अगर नाइक दोषी हैं तो उसे सजा मिलनी चाहिए।
दरअसल, खुर्शीद ने नाइक का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा था कि देश सार्वजनिक जीवन में अहम पदों पर बैठे लोगों पर सवालिया निशान लगने का जोखिम मोल नहीं ले सकता, लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने का आधार नहीं बनता है तो उसके पीछे नहीं पड़े रहना चाहिए। खुर्शीद के बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है। लोगों की अपनी राय हो सकती है। हमारा यह मानना है कि धर्म और जाति के नाम पर राजनीति पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नाइक के मामले पर हमारा रुख पहले से स्पष्ट है। अगर कोई व्यक्ति दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। कानून को अपना काम करना चाहिए।