रेलवे के कैटरिंग ठेकेदारों पर नकेल कसने के लिए प्रत्येक ट्रेन में आईआरसीटी अपने मैनेजर तैनात करने जा रही है। ट्रेन की पेंट्रीकार से लेकर कोच में यात्रियों को खाना परोसने वाले वेंडर-वेटर पर नजर रखेगा। खाने में किसी प्रकार की शिकायत होने पर यात्री सीधे मैनेजर से शिकायत कर सकेंगे। दोषी पाए जाने पर मैनेजर ठेकेदार पर त्वरित कार्रवाई करेंगे।
रेलवे की खानपान सेवा में सुधार के तहत इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म ने रेलवे बोर्ड से प्रत्येक ट्रेन में मैनेजर के लिए समर्पित बर्थ आवंटन की मांग की है। आईआरसीटीसी के इस प्रस्ताव पर बोर्ड ने दो जुलाई को मुहर लगा दी है। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के चीफ कॉमर्शियल मैनेजरों को जारी आदेश में कहा है कि नई खानपान नीति 2017 के तहत राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी, दुरंतो व पेंट्रीकार वाली मेल-एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेनों में आईआरसीटीसी मैनेजर के लिए समर्पित बर्थ-सीट स्थायी रूप से बुक रहेगी।
किसी प्रकार यात्री की शिकायत मिलने पर मामले की जांच करेगा। साथ ही कैटरिंग ठेकेदार अथवा स्टाफ की गलती होने पर मैनेजर त्वरित कार्रवाई करेगा। इसमें जुर्माना लगाने का अधिकार भी होगा। मैनेजर को अधिक शक्तियां दी गई है जिससे रेलवे के खानपान सेवा में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। पेंट्रीकार से लेकर वेंडर-वेटर सभी वर्दी में होंगे। उनकी नेम प्लेट भी होगी जिससे उनकी पहचान आसानी से हो सकेगी।
एसी-3, स्लीपर श्रेणी के कोच के शुरू में ही नीचे की बर्थ और शताब्दी में एसी चेयरकार में एक बर्थ मैनेजर के लिए स्थायी रूप से आवंटित होगी। आईआरसीटी मैनेजर अपने आईडी प्रूफ के साथ ट्रेन कैप्टन अथवा कंडक्टर को रिपोर्ट करेगा। इसके साथ ही उसे स्टेशन मास्टर को बताना होगा कि उक्त ट्रेन में यात्रा कर रहा है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईआरसीटीसी का मैनेजर वर्दी में होगा और उसे नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। मैनेजर पेंट्रीकार में खाद्य सामाग्री की जांच-निगरानी करेगा। इसके अलावा वेंडर-वेटर पर नजर रखेगा जिससे यात्रियों से तय रेट से अधिक कीमत नहीं वसूल सकेगा।