दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों की जंग के बीच हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुनाना शुरू किया। पहले सीजेआई दीपक मिश्रा ने कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं, लेकिन चुनी हुई सरकार के काम में बाधा नहीं डाली जानी चाहिए। आइये जानते हैं फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
1- संसद का बनाया कानून सबसे ऊपर है, अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है।
2- कैबिनेट और एलजी में मतभेद हो तो मामला राष्ट्रपति के पास जाए
3-उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं, लेकिन काम में बाधा नहीं डाला जाना चाहिए। एलजी को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार का सम्मान करना चाहिए।
4-मतभेद हो तो राष्ट्रपति फैसला लें
5-एलजी कैबिनेट की सलाह से काम करें, एलजी को पूर्ण गवर्नर जैसे अधिकार नहीं
6-शक्तियां केन्द्रित नहीं हो सकती है
7-दिल्ली के पास पूर्ण राज्य का अधिकार नहीं
8-तीन जजों का फैसला एक जैसा
9-हर मामले में एलजी की सलाह जरूरी नहीं- तीन जज
10-प्रशासनिक मुखिया के तौर पर एलजी को कैबिनेट के हर फैसले की जानकारी दी जानी चाहिए, लेकिन यह जरूरी नहीं कि उन पर उनकी सहमति हो।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के उस फैसला के की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उपराज्यपाल को ही दिल्ली का सर्वोपरि बताया गया था।