अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के एक वर्ष पूर्ण के अवसर पर एक जुलाई को ‘जीएसटी दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन यहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसको केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे जबकि वित्त मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
इस समारोह में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि भाग लेंगे। पिछले वर्ष एक जुलाई को जीएसटी को देश में लागू किया गया था। हालांकि प्रारंभिक चरण में इसमें कई तरह की दिक्कतें आई और जीएसटी परिषद ने उनको दूर किया। एक वर्ष में कई उत्पादों पर जीएसटी दरें संशोधित की गईं। इसके तहत माल परिवहन पर नजर रखने एवं कर चोरी रोकने के उद्देश्य से ई-वे बिल व्यवस्था शुरू की गई। शुरुआत में तो यह व्यवस्था पूरी तरह से असफल रही लेकिन बाद में चरणबद्ध तरीके से इसे पूरे देश में लागू किया गया और अभी यह पूरे देश में लागू है और राज्यों के भीतर भी माल परिवहन के लिए ई वे बिल का उपयोग करना अनिवार्य हो गया है।
कैट ने जीएसटी समीक्षा की मांग की
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के आगामी एक जुलाई को एक साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों ने वित्त मंत्रालय से जीएसटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों मसलन कई रिटर्न, विभाग से रिफंड, इस कर व्यवस्था के बारे में जागरूकता तथा अनुपालन की समीक्षा करने का आग्रह किया है।
व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा, हमारा सुझाव है कि मासिक रिटर्न के बजाय फॉर्म3-बी पर तिमाही रिटर्न किया जाए, जिससे रिटर्न भरना सरल हो। साथ ही कैट का सुझाव है कि रिफंड स्वत: ही व्यापारियों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से तय समय सीमा में भेजा जाए।
एचएसएन कोड केवल निर्माताओं पर ही लागू किया जाए। एक से ज्यादा राज्यों में व्यापार करने वाले व्यापारियों को हर राज्य में जीएसटी पंजीकरण कराने की जगह एक ही पंजीकरण को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए। इसके अलावा कैट ने कहा है कि अभी भी बड़ी संख्या में देशभर में व्यापारियों के पास कंप्यूटर नहीं है, ऐसे व्यापारियों को कंप्यूटर लगाने के लिए सरकार सब्सिडी दे। इससे ई-अनुपालन को प्रोत्साहन मिलेगा।