अमेरिका के मैरीलैंड में अखबार दफ्तर में गोलीबारी के बाद हिरासत में बंदूकधारी,

अमेरिका के मैरीलैंड में अखबार दफ्तर में गोलीबारी के बाद हिरासत में बंदूकधारी,

वाशिंगटन के पास अमेरिका के ऐतिहासिक शहर एनापोलिस के अख़बार कैपिटल गजेट के दफ्तर में गुरूवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बंदूकधारी ने खुलेआम फायरिंग कर पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हिरासत में हो रही संदिग्ध की पूछताछ को लेकर पुलिस ने बताया है कि वह एक सफेद वयस्क पुरूष है जिससे पास रायफल थी और ऐस लगता है कि उसने अकेले इस वारदात को अंजाम दिया है।

अखबार के रिपोर्टर फिल डेविस ने ट्वीट करते हुए कहा- “बंदूकधारी शीशे के दरवाजे से फायरिंग करते हुए ऑफिस में कई कर्मचारियों पर फायर किया है।”

डेविस ने बताया- “इससे ज्यादा खौफनाक और कुछ नहीं हो सकता है कि आप ये सुन रहे हैं कि कई लोगों को गोली मारी जा रही है और आप डेस्क के नीचे हैं और सुन रहे हैं कि बंदूकधारी अपनी बंदूक में गोली रि-लोड कर रहा है।”

मैरीलैंड की राजधानी अनापोलिस में एक संवाददाता सम्मेलन में एने अरुंदेल काउंटी पुलिस के कार्यवाहक प्रमुख बिल क्राम्फ ने बताया कि इसमें पांच लोगों की मौत हो गई और दो लोग मामूली तौर पर घायल हुए हैं।  क्राम्फ ने कहा , “ कैपिटल गजट पर हुआ यह हमला एक लक्षित हमला था। ”
उन्होंने कहा कि पुलिस को अब तक हमलावर के मकसद का पता नहीं चल सका है लेकिन ” हम जानते हैं कि सोशल मीडिया के जरिए गजट को धमकियां भेजी जा रहीं थीं।” क्राम्फ ने कहा , “ हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कौन सा अकांउट था और यह पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं कि असल में धमकियां किसने भेजी थी। ”
क्रम्फ ने बताया कि पुलिस ने संदिग्ध विस्फोटक डिवाइस को नाकाम कर दिया है और चार मंजिला इमारत पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि 170 लोगों को सुरक्षित इमारत से बाहर निकाल लिया गया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस शूटिंग के बारे में विस्तार से बता दिया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- मेरी संवेदना और प्रार्थना पीड़ित और उनके परिवार के साथ है। उन्होंने आगे लिखा- अन्यवाद पहले रिस्पोंडर्स के लिए जो इस वक्त मौके पर हैं।

कैपिटल गजट के संपादक जिम्मी डिबट्स ने ट्वीट किया कि इस घटना से वह “ तबाह , उदास और स्तब्ध ” हैं।   उन्होंने लिखा, “मैं कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हूं, बस इतना जानता हूं कि कैपिटल गजट समाचारपत्र के संवाददाता और संपादक हर दिन अपना सबकुछ इस अखबार के नाम कर देते हैं। यहां हफ्ते में केवल 40 घंटे काम नहीं करना होता , न मोटी तनख्वाह मिलती है – बस हमारे समाज की कहानियां बताने का जुनून होता है।”
गोलीबारी की यह घटना वर्जीनिया की 2015 की उस घटना की याद दिलाती है जिसमें एक स्थानीय टेलीविजन पर सीधे प्रसारण के दौरान दो पत्रकारों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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