जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन सुरक्षाबलों को मुकालबे के लिए बच्चों की भर्तियां कर रहा है। गुरूवार को आयी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन पिछले साल सुरक्षाबलों से संघर्ष के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया था।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल दुनिया भर में हुए सशस्त्र संघर्षों में 10,000 से ज्यादा बच्चे मारे गए या विकलांगता का शिकार हुए। इसके साथ ही कई अन्य बच्चे बलात्कार के शिकार हुए, सशस्त्र सैनिक बनने पर मजबूर किए गए या स्कूल और अस्पताल में हुए हमलों की चपेट में आए। संरा की वार्षिक ‘चिल्ड्रन एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट’ रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में बाल अधिकारों के हनन के कुल 21,000 से ज्यादा मामले सामने आए जो उससे पिछले साल (2016) की तुलना में बहुत ज्यादा थे।
यमन में बच्चों के मारे जाने या घायल होने की घटनाओं के लिए संरा ने वहां लड़ रहे अमेरिकी समर्थन प्राप्त सैन्य गठबंधन को दोषी ठहराया। ये बच्चे उन हवाई और जमीनी हमलों के शिकार हुए जो यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यताप्राप्त सरकार के खिलाफ लड़ रहे हूती विद्रोहियों पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा किए गए। यहां संघर्ष में 1300 बच्चों की जान गई या वे घायल हुए।
संरा ने कहा कि रिपोर्ट में जिन बच्चों के हताहत होने की बात कही गई है वे यमन या दूसरे देशों के गृहयुद्ध में बाल सैनिक के तौर पर लड़ने वाले 11 साल तक की उम्र के बच्चे थे। रिपोर्ट के मुताबिक बाल अधिकारों के हनन के ज्यादातर मामले इराक , म्यामां , मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन के हैं।