विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में शीघ्र भव्य राम मंदिर के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द नहीं आया तो वह संतों के साथ आगे की कार्ययोजना तय करेगी, जिसमें आंदोलन भी शामिल है।
विहिप की प्रबंध समिति के दो दिन की बैठक में रोहिंग्या मुसलमानों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें वापस भेजने और सीमा सील करने की भी मांग की है। विहिप के नए कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सर्वोच्च अदालत राम जन्मभूमि मामले में जल्द फैसला देगा और इस साल के अंत तक राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो सकेगा। सर्वोच्च न्यायालय को इस बारे में छह जुलाई को सुनवाई करनी है।
कुमार ने अदालत से आग्रह किया कि वह मामले पर जल्द फैसला देने के लिए रोजाना सुनवाई कर इसे तार्किक परिणति पर पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी फैसले में बिलंब हुए तो संत समाज के साथ आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर म्यामांर से आए रोहिंग्या शरणार्थियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए वापस भेजने की मांग की है। कुमार ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। बैठक में एक अन्य प्रस्ताव पारित कर गो वंश के संरक्षण व संवंर्धन के लिए भारतीय गो वंश संरक्षण संवर्धन मंत्रालय गठित करने की मांग की है।
तोगड़िया के संगठन से विहिप को खतरा नहीं
विहिप के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के अलग संगठन अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद का गठन किए जाने पर उन्होंने कहा कि महात्वाकांक्षा, व्यक्ति विशेष व निजी द्वेष के भाव से बनने वाले संगठन लंबे नहीं चलते हैं। ऐसे किसी संगठन के बनने से विहिप को कोई नुकसान नहीं होगा।