संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किए जा चुके हाफिज सईद को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर खरी-खरी सुनाई है। पाक को फटकार लगाते हुए अमेरिका ने कहा कि हम उसे एक आतंकवादी और एक विदेशी आतंकवादी संगठन का हिस्सा मानते है। वह 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है जिसमें बहुत लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कई अमेरिकी भी थे। हमने पाकिस्तान की सरकार को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि हाफिज सईद पर मुकदमा चलना चाहिए।
अमेरिका का यह कड़ा संदेश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के उस चौंकाने वाले बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने वैश्विक आतंकी और जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद को ‘साहिब’ कह कर संबोधित किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘हाफिज सईद साहिब के खिलाफ पाकिस्तान में कोई मामला नहीं है. जब कोई मामला दर्ज हो, तभी कार्रवाई की जा सकती है।’
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि सईद पर केस चलना चाहिए। इस पर पाकिस्तान को बताया जा चुका है। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने के कारण सईद को लक्षित प्रतिबंधों के लिए ‘यूएनएससी 1267, अलकायदा प्रतिबंध समिति’ की सूची में शामिल किया गया है।’
हीथर नोर्ट ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान को अपनी चिंताए स्पष्ट रूप से बता दी हैं। यूएस ने अब्बासी की टिप्पणियों वाली खबरें ‘निश्चित ही’ देखी हैं।
जमात उद दावा के प्रमुख सईद को नवंबर में पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा किया गया था।
अमेरिका जमात उद दावा (जेयूडी) को लश्कर का सहयोगी मानता है। लश्कर की स्थापना सईद ने वर्ष 1987 में की थी। लश्कर 2008 के मुंबई हमले करने के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
हीथर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन उम्मीद करता है कि पाकिस्तान आतंकवादी मामलों से निपटने में अधिक योगदान दे।
उन्होंने कहा, ”हम इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं। आप सभी हमारे द्वारा करीब दो सप्ताह पहले दी गई इस सूचना के बारे में जानते हैं कि हमने पाकिस्तान को सुरक्षा के लिए आर्थिक मदद रोकने का फैसला किया है।
हीथर ने कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध के मामले पर पूरा प्रशासन एकजुट है।
अमेरिका ने इस माह ही शुरूआत में पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी थी और उस पर आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोक दिया था।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि उसे पाकिस्तान से इस बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।