उत्तराखंड से भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी राज्यसभा जाएंगे। पार्टी हाईकमान ने उनके नाम का ऐलान कर दिया है। बलूनी रविवार शाम देहरादून भी पहुंच गए थे। सोमवार को वे विधानसभा भवन में नामांकन पत्र भरने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद रहे। कुछ देर बाद उन्होंने नामांकन पत्र भरकर दाखिल किया।
राज्यसभा के कांग्रेस सदस्य महेंद्र माहरा का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इस सीट पर 23 मार्च को मतदान होगा। रविवार को भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने राज्यसभा के लिए बलूनी के नाम पर मुहर लगा दी है। सूत्रों ने बताया कि बोर्ड बैठक में अंतिम समय तक बलूनी और पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ही दावेदार रह गए थे, इनमें से पार्टी ने युवा बलूनी को तरजीह दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि बलूनी के राज्यसभा में पहुंचने से उत्तराखंड की आवाज और बुलंद होगी। उनके पास अच्छा-खासा राजनीतिक अनुभव है और पहले
युवावस्था से राजनीति में
बलूनी युवावस्था से राजनीति में सक्रिय रहे। पढ़ाई के साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने के बाद मात्र 26 साल की उम्र में सक्रिय राजनीति में उतर आए। राज्य के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कोटद्वार सीट से पर्चा भरा था, लेकिन उनका नामांकन पत्र निरस्त हो गया। इसके खिलाफ वे कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2004 में कोटद्वार से उप चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे।
प्रोफाइल
नाम- अनिल बलूनी
जन्म स्थान- नकोट गांव (जिला पौड़ी) पट्टी- कंडवालस्यूं
शिक्षा – स्नातक
सियासी सफर-भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, निशंक सरकार में वन्यजीव बोर्ड में उपाध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख ।
15 को परिणाम!
राज्यसभा सीट से यदि एक ही नामांकन हुआ तो मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी और 15 मार्च को ही चुनाव निर्विरोध संपन्न हो जाएगा। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है। जबकि पर्याप्त अनुमोदक न होने से निर्दलीय प्रत्याशी का चुनाव लड़ना कठिन है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।
स्थानीय को तरजीह
भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी को ही तरजीह दी है। बलूनी मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के कोट ब्लाक के नकोट गांव के रहने वाले हैं। उनकी ससुराल हल्द्वानी में है।
भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं। उनके राज्यसभा पहुंचने से निश्चित तौर पर उत्तराखंड को फायदा मिलेगा।