मिशन 2019: अपने नेताओं को ट्रेन करेगी भाजपा

मिशन 2019: अपने नेताओं को ट्रेन करेगी भाजपा

लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा ने पिछड़ा वर्ग को एकजुट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा करने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पहले भाजपा अपने नेताओं को प्रशिक्षित करेगी और उसके बाद यह नेता देशभर में पिछड़ा वर्ग के लोगों में जाएंगे। पार्टी का पिछड़ा वर्ग मोर्चा इसकी कमान संभालेगा। अभियान का मुख्य जोर उत्तर प्रदेश और बिहार पर रहेगा।

भाजपा के प्रशिक्षण अभियान ने देश के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए अपने अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिला और युवा मोर्चा के साथ बड़ा संपर्क अभियान शुरू करने का फैसला किया है। आधी से ज्यादा आबादी पिछड़ा वर्ग की है इसलिए इसका महत्व ज्यादा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी पिछड़ा वर्ग से आने से पार्टी इस मुहिम के तहत विभिन्न जातियों में बंटे पिछड़ा वर्ग को एकजुट करेगी।

अभियान के पहले चरण में जुलाई-अगस्त में देशभर में केंद्रीय, राज्य व संभाग स्तर पर पिछड़ा वर्ग नेताओं की कार्यशालाएं आयोजित कर उनको प्रधानमंत्री मोदी व सरकार की पिछड़ा वर्ग के लिए उठाए गए कदमों व उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी। उत्तर प्रदेश में लगभग सात व बिहार में तीन कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली कार्यशाला में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रमुख नेताओं, मोर्चा के देशभर के प्रमुख नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों के साथ अभियान का प्रारूप तय करने के लिए बुलाए गए गहन विचारोत्तेजक सत्र (ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन) में मोर्चा के प्रमुख नेताओं के साथ दो केंद्रीय मंत्री व तीन राज्यों के मंत्री भी शामिल हुए।

इस सत्र को भाजपा महासचिव मुरलीधर राव ने भी संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार, पार्टी में दूसरे दलों से आए पिछड़ा वर्ग के नेता मोदी को लेकर बेहद उत्साहित है और उनका मानना है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद समूचा पिछड़ा वर्ग गौरवान्वित मसूस कर रहा है।
राव ने कहा है कि कांग्रेस व वामपंथी दल पिछड़ों का उत्थान करने में असफल रहे हैं।

कांग्रेस ने तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा भी नहीं देने दिया और लोकसभा से पारित विधेयक पर राज्यसभा में अडंगा डाल दिया। भाजपा व उसकी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए जो कदम उठाए हैं इसके पिछड़ा वर्ग व मोदी सरकार के बीच एक भावनात्मक संबंध बना है। बैठक में नेताओं का कहना था कि मोदी सरकार के सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार खत्म करने का सबसे ज्यादा लाभ पिछड़ा वर्ग को मिला है।

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