ग्वाटेमाला के फुगो ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट होने के बाद मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ज्वालामुखा विस्फोट होने से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 109 हो गई है और करीब 200 लोगों के लापता होने की सूचना है। राहत एवं बचाव कर्मियों ने ज्वालामुखी उद्गार की चपेट में आये गांवों में अब तलाशी अभियान बंद कर दिया है। अभियान बंद होने के बाद स्थानीय लोग अपने प्रियजनों को स्वयं खोजने पर विवश हैं।
राष्ट्रीय आपदा एजेंसी कोनरेड का कहना है कि खराब मौसम और ज्वालामुखी उद्गार के बाद निकले मलबे के अभी भी गर्म होने के कारण राहत कर्मियों के लिए वहां काम करना खतरनाक है। एजेंसी इस बात पर भी जोर दे रही है कि ज्वालामुखी में विस्फोट को 72 घंटे गुजर चुके हैं और अब मलबे, राख और गर्म पत्थरों के बीच फंसे लोगों के जिंदा होने की संभावना बहुत कम है। राष्ट्रीय पुलिस के प्रवक्ता पाब्लो कास्टिलो का कहना है कि गुरुवार को बहुत तेज बारिश हुई जिसके कारण मिट्टी कमजोर पड़ गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि आपदा से 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इनमें से 3,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों से दूर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। राहत एंजेसियों के आंकड़ों के अनुसार, ज्वालामुखी में विस्फोट और निरंतर ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण अब तक 17 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 12,407 लोगों को बचाय गया है, जबकि 7,393 को अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया है। कुल 4,137 लोग अस्थाई आश्रयों में रह रहे हैं जबकि197 लोग लापता और 58 लोग घायल हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सर्वाधिक प्रभावित इलाकों चिमाल्टेनेंगो, सेकाटेपेकेज, इस्कुइंतला में आपातकाल घोषित किया गया है।