कांग्रेस-JDS में मंत्रालयों को लेकर मतभेद,

कांग्रेस-JDS में मंत्रालयों को लेकर मतभेद,

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि मंत्रालयों के आवंटन को लेकर कांग्रेस के साथ मतभेद हैं, लेकिन ये इतने बड़े नहीं हैं कि इनसे सरकार गिर जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य कांग्रेस नेता जब उच्च नेतृत्व से मंजूरी पा लेंगे, तब कैबिनेट में विस्तार किया जाएगा। कुमारस्वामी ने मीडिया से कहा, ‘अभी मंत्रालयों का आवंटन नहीं हुआ है। इसको लेकर कांग्रेस के साथ कुछ मतभेद हैं, हालांकि, ये मुद्दा इतना बड़ा नहीं हैं कि इससे सरकार गिर जाए।’

बता दें, कुमारस्वामी के राज्य विधानसभा में बहुमत साबित कर लेने के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी आलाकमान के साथ कैबिनेट विस्तार और प्रभार आवंटन के मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली रवाना हो गए।  कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार सहित कांग्रेस के नेताओं के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के साथ चर्चा करने की उम्मीद है।

परमेश्वर ने एक विशेष विमान में दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से कहा, ‘सभी चर्चाएं दिल्ली में होंगी…कैबिनेट विस्तार, किसे लेना है और किसे प्राथमिकता देनी है… मानदंड आलाकमान द्वारा तय किए जाएंगे।’ कांग्रेस-जेडीएस सरकार का नेतृत्व कर रहे कुमारस्वामी के विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर गठबंधन साझेदारों के बीच बातचीत शुरू हो गई थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर एक और दौर की बैठक रविवार को बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई।

बैठक में कुमारस्वामी, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया, परमेश्वर और कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक के पार्टी मामलों के प्रभारी के सी वेणुगोपाल शामिल थे। यह पहले ही निर्णय हो चुका है कि कांग्रेस के 22 मंत्री और जेडीएस के 12 मंत्री होंगे।  प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मिलने से कथित रूप से नाखुश हैं। बी एस येदियुरप्पा के शक्तिपरीक्षण से पहले कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने में शिवकुमार महत्वपूर्ण व्यक्ति के तौर पर उभरे थे।

परमेश्वर ने इसका संकेत दिया कि वह प्रदेश पार्टी प्रमुख का पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि पद के लिए कांग्रेस में कई सक्षम नेता हैं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि मैं एक मंत्री बन गया हूं, स्वभाविक रूप से मुझे प्रदेश पार्टी प्रमुख का पद छोड़ना होगा। मैं इस पद पर करीब आठ वर्ष तक रहा। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो कि मुझसे अधिक कुशल हैं, मौका मिलने पर वे पार्टी को बेहतर तरीके से व्यवस्थित कर सकते हैं।’ कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि सरकार सुचारू रूप से चले इसके लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने के वास्ते एक समन्वय समिति पर चर्चा चल रही है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up