कीमतों में लगातार इजाफे के बावजूद बढ़ी पेट्रोल-डीजल की खपत

कीमतों में लगातार इजाफे के बावजूद बढ़ी पेट्रोल-डीजल की खपत

पेट्रोल-डीजल लगातार महंगा होने के बाद भी इनकी खपत बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में पेट्रोल की खपत 10 फीसदी जबकि डीजल की खपत सात फीसदी बढ़ी है।

पेट्रोल-डीजल की खपत में यह वृद्धि उस वक्त हुई है,जब पेट्रोल के दाम 7.44 रुपए और डीजल के दाम 8.97 रुपये प्रति लीटर (एक अप्रैल 17 से एक अप्रैल 18) तक बढ़े हैं। पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में 2284 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल जबकि डीजल 7,156 हजार मीट्रिक टन बिका है। .

तेल क्षेत्र के जानकार मानते हैं कि लोगों की आदतों में हो रहे बदलाव का असर भी पेट्रोल-डीजल की खपत पर पड़ा है। लोग सार्वजनिक यातायात के बजाए निजी वाहनों को तरजीह दे रहे हैं। इसके साथ यह लोगों की जरूरत का भी अहम हिस्सा है। क्योंकि, रोजगार या दूसरे कार्यों के लिए उन्हें एक जगह से दूसरी जगह जाना है।

भले ही इसके लिए उन्हें दूसरे खर्च कम करने हों। इसलिए कीमतों में वृद्धि के बावजूद पेट्रोल-डीजल की खपत में इजाफा होना स्वभाविक है। उधर, सरकार दाम कम करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की बात कह रही है।हालांकि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा, यह अच्छा होगा अगर ईंधन की कीमतें जीएसटी के तहत लाई जाएं। इससे कीमतें कम होंगी। .

एक साल पहले 25 मई को पेट्रोल 12.51 रुपये और डीजल 11.40 रुपए प्रति लीटर सस्ता था। बीते 12 दिनों में इसमें तेज बढोतरी दर्ज की गई। वर्ष 2016-17 में पूर्व वर्ष के मुकाबले डीजल की खपत सिर्फ 1.8 प्रतिशत बढ़ी। वर्ष 2016-17 में पूर्व वर्ष के मुकाबले पेट्रोल की खपत 8.8 प्रतिशत बढ़ी।

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