राज्य के भीतर ही सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल प्रणाली 3 जून से देशभर में अनिवार्य होगी। सरकार ने एक अप्रैल से एक राज्य से दूसरे राज्य में 50,000 रुपये से अधिक के सामान की आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-वे बिल प्रणाली लागू की थी। वहीं राज्यों के भीतर इस तरह की प्रणाली 15 अप्रैल से लागू की गई है।
अभी तक 20 राज्यों- संघ शासित प्रदेशों ने राज्य के भीतर सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल को अनिवार्य किया है। इन राज्यों में गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की चेयरपर्सन वनजा सरना ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य के अंदर सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल प्रणाली 3 जून, 2021 से लागू होगी।
सरना ने कहा कि शेष क्षेत्रों के सभी मुख्य आयुक्तों से कहा जाता है कि वे राज्य प्राधिकरणों के साथ सहयोग करें और इस अधिसूचना को जल्द से जल्द लागू करें। इसके अलावा इसे लागू करने की तारीख का भी समुचित तरीके से प्रचार किया जाए।
उन्होंने कहा कि ई-वे बिल प्रणाली उम्मीद के अनुरूप काम कर रही है और एक अप्रैल, 2021 को इसके क्रियान्वयन के बाद से 4.5 करोड़ से अधिक ई-वे बिल निकाले गए हैं। इनमें से 1.30 करोड़ से अधिक ई-वे बिल राज्य के भीतर माल की आवाजाही से संबंधित हैं।
संघ शासित प्रदेश लक्षद्वीप और चंडीगढ़ में राज्य के भीतर माल की आवाजाही से संबंधित ई-वे बिल प्रणाली 25 मई से लागू हो रही है। पंजाब और गोवा में यह एक जून से लागू होगी। महाराष्ट्र में यह बिल 31 मई से शुरू होगा।