इंटरनेट की दुनिया में ना जाने कितनी वेबसाइट हैं जो असुरक्षित हैं और वे आपके जरूरी डाटा पर सेंध लगा सकती हैं। इससे बचाने के लिए क्रोम ब्राउजर यूआरएल के शुरुआत में HTTPS लगाकर देता था और यह फीचर खत्म होने जा रहा है। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि क्रोम इसकी जगह दूसरा फीचर लेकर आ रहा है।
क्रोम ब्राउजर ने असुरक्षित वेबसाइट से बचाने के लिए नया फीचर देने का वादा किया है। गूगल क्रोम की सिक्योरिटी प्रोडक्ट मैनेजर एमिली चेस्टर के मुताबिक गूगल क्रोम का अपडेट वर्जन क्रोम 69 है। इसमें यूआरएल बार के पास लिखा आना वाला HTTPS बंद हो जाएगा। HTTPS सिक्योर वेबसाइट के लिए लिखा आता था लेकिन नए अपडेट में यह आना बंद हो जाएगा। इसके स्थान पर असुरक्षित वेबसाइट के लिए लाल रंग में Not Secure लिखा आने लगेगा, ताकि यूजर तुरंत अलर्ट हो जाए और जरूरत न होने पर उस वेबसाइट को बंद कर दें। यह वर्जन इस साल सितंबर में पेश कर दिया जाएगा।
क्या है एचटीटीपी और एचटीटीपीएस में अंतर
एचटीटीपी यानी Hyper Text Transfer Protocol एक एप्लीकेशन protocol है जिसका इस्तेमाल इंटरनेट के जरिये hyper media या hyper text भेजने के लिए किया जाता है। इसके जरिए client browser एप्लीकेशन के द्वारा server से डाटा को ट्रान्सफर कर पाते है।
एचटीटीपीएस है सिक्योर
HTTP की सिक्यूरिटी काफी कमजोर है इसको आसानी से हैक किया जा सकता है इसका इस्तेमाल पेमेंट गेटवे या सेंसिटिव इनफार्मेशन को भेजने के लिए बिलकुल भी नहीं किया जा सकता है। HTTP की इसी कमी को पूरा करने के लिए ही HTTPS यानी Hyper Text Transfer Protocol Secure बनाया गया। यह HTTP का नया और अपडेटेड वर्जन है।