कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर अनिश्चितता के बीच बुधवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 156 अंक टूटकर 35,388 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी कारोबार के दौरान नकारात्मक दायरे में रहने के बाद अंत में 61 अंक या 0.56 प्रतिशत के नुकसान से 10,741.10 अंक पर बंद हुआ।
छोटे शयरों ने दिखाया बढ़त का दम
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में गिरावट और स्मॉलकैप सूचकांक में तेजी रही। मिडकैप सूचकांक 43.71 अंकों की गिरावट के साथ 16,025 पर बंद हुआ। जबकि छोटे शेयरों वाला स्मॉलकैप सूचकांक 11 अंकों की तेजी के साथ 17,536 पर बंद हुआ।
ऊर्जा-बैंकिंग शेयरों में ज्यादा नुकसान
बीएसई के 20 में से 15 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। ऊर्जा शेयरों में सबसे अधिक 1.75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वहीं तेल और गैस 1.58 फीसदी, बैंकिंग 1.17 फीसदी, वित्त 0.91 फीसदी और उपभोक्ता सेवाएं 0.70 फीसदी गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान वाले शेयरों में शामिल रहे। हालांकि, बाजार में गिरावट के बावजूद निवेशकों को रीयल्टी में 1.99 फीसदी और तेज खपत उपभोक्ता वस्तु में 1.65 फीसदी का फायदा हुआ। वहीं सूचना प्रौद्योगिकी में 0.18 फीसदी, प्रौद्योगिकी में 0.11 फीसदी और उपभोक्ता गैर अनिवार्य वस्तु एवं सेवाएं 0.05 फीसदी तेजी के साथ मुनाफा देने वाले शेयरों में शामिल रहे।
यह भी रही गिरावट की वजह
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि कर्नाटक में राजनीतिक अनिश्चितता के अलावा विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी बाजार दबाव में रहा। वॉल स्ट्रीट में मंगलवार को आई गिरावट के बाद बुधवार को अन्य एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का रुख था। उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत रोकने के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में भू राजनीतिक तनाव बढ़ा है। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 35,452अंक पर कमजोरी के रुख के साथ खुला और अंत में 0.44 प्रतिशत के नुकसान के साथ बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 35,241 से 35,543 अंक के दायरे में रहा। मंगलवार को कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 400 से अधिक अंक चढ़ गया था। भाजपा के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने से बाजार में तेजी आई थी। लेकिन बाद में कांग्रेस द्वारा जद ( एस ) को सरकार बनाने के लिए समर्थन की घोषणा के बाद बाजार नीचे आ गया। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवा को 518.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 531.33 करोड़ रुपये की लिवाली की।