आज अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे है। मां शब्द में ही अथाह प्रेम और समर्पण की भावना छुपी हुर्ई है। मां वह ताकत है जिसे किसी भी मुसीबत में हम सबसे पहले पुकारते हैं। बिना मां के हमारे अस्तित्व की कल्पना करना नामुमकिन है। आइंस्टीन, एपीजे अब्दुल कलाम, न्यूटन, महात्मा गांधी, विवेकानंद जैसे सभी महापुरुषों की सबसे पहली गुरू एक मां ही होती है।
डूडल के पीछे की कहानी…
कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं आ सकते, इसलिए उन्होंने मां को बनाया है। मां के इसी प्यार, समर्पण और ताकत को सम्माने देने के लिए गूगल ने मदर्स डे पर एक बेहतरीन रंग-बिरंगा डूडल बनाया है। इस डूडल में एक मादा डायनासोर और बच्चा डायनासोर है। जिनके ऊपर हाथों के कुछ छापे बने हुए हैं। इस डूडल में देखा जा सकता है कि डायनासोर जैसे विशालकाय और शक्तिशाली जानवर को भी मां की मातृ छाया की जरूरत होती है। शायद गूगल भी अपने इस डूडल के जरिए यही संदेश देना चाहता हैै।
कैसे शुरु हुई मदर्स डे की शुरुआत
साल 1908 में अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस ने मदर्स डे की शुरुआत की थी। अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में पहली बार मदर्स डे मनाया गया था। एना ने ना कभी शादी की और न उनका कोई बच्चा था। अपनी मां की मौत के बाद एना ने मां के प्रति प्यार जताने के लिए इस दिन की शुरुआत की थी, जिसके बाद धीरे-धीरे ये कई देशों में मनाया जाने लगा।