फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील

फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील

भारत की नंबर वन ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट

में सॉफ्टबैंक ने पेंच फंसा दिया है। फ्लिपकार्ट में करीब 20-22 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले सॉफ्ट बैंक का कहना है कि शेयर बेचने पर उसने अभी फैसला नहीं किया है।

फ्लिपकार्ट ने बुधवार को ही कंपनी में 77 फीसदी हिस्सेदारी अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट को 16 अरब डॉलर में बेचने का ऐलान किया है। सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि सॉफ्टबैंक के प्रमुख मसायोशी सोन अगले सात से दस दिन में इस बात पर निर्णय कर सकते हैं कि फ्लिपकार्ट से बाहर आया जाए या कंपनी में अपने निवेश को फिलहाल बरकरार रखा जाए। हालांकि सोन ने खुद सबसे पहले सौदा होने की घोषणा की थी। वॉलमार्ट ने कहा था कि उसके अलावा फ्लिपकार्ट में बिन्नी बंसल, टेनसेंट होल्डग्सिं लिमिटेड , टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट एलएलसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के पास बची हुई 23% हिस्सेदारी रहेगी , क्योंकि सॉफ्टबैंक अपनी 20-22% की हिस्सेदारी बेचने को तैयार हो गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि हिस्सेदारी बेचने पर सॉफ्टबैंक को होने वाले लाभ पर कर चुकाना होगा। यह भी शेयर बेचने को लेकर असमंजस की एक वजह हो सकती है। सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया था, बाहर आने पर उसे 4.5 अरब डॉलर मिलेंगे। लिहाजा दो अरब डॉलर के लाभ पर भारतीय कानून के अनुसार उसे कर देना होगा। इससे उसका लाभ काफी कम हो जाएगा।

अगर सॉफ्ट बैंक अपने शेयर बेचने से इनकार कर देता हैं तो वॉलमार्ट अधिकतम 57 फीसदी हिस्सेदारी ही खरीद पाएगा। इससे सौदा संकट में पड़ सकता है या फिर निवेशकों को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ सकती है। सौदे को अभी भारतीय नियामकों से भी मंजूरी मिलना बाकी है और टैक्स को लेकर भी अभी कोई स्पष्टता नहीं है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up