ई-कॉमर्स वेबसाइट Flipkart की 77 फीसदी हिस्सेदारी दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने खरीदने का ऐलान कर दिया। फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की यह डील 16 बिलियन डॉलर में तय हुई है। इसके अलावा वॉलमार्ट ने 2 बिलियन डॉलर यानि तकरीबन 13,000 करोड़ रुपये फ्लिपकार्ट में निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे वह ई कॉमर्स कंपनी को और मजबूत बना सके।
फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट की यह डील तय होने से पहले अमेजन ने भी ई कॉमर्स कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन बाजी वॉलमार्ट के हाथों लगी। इस डील का एलान होने से पहले सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन ने कहा था कि फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट के बीच एग्रीमेंट मंगलवार रात (जापान के समयानुसार) हुआ है।
बता दें कि फ्लिपकार्ट की शुरुआत साल 2007 में अमेजन में काम करने वाले सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। फ्लिपकार्ट दो बीएचके ऑफिस से शुरू हुआ था। यहां हम आपको फ्लिपकार्ट का सफरनामा बता रहे हैं। जानिए इसके बारे में:
फ्लिपकार्ट की शुरुआत साल 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने साल 2007 में की थी। दोनों आईआईटी दिल्ली में बैचमेट थे और अमेजन में एक साथ काम करते थे। बेंगलुरु में फ्लिपकार्ट के लिए दो बीएचके अपार्टमेंट लिया गया, जिसमें कंपनी का ऑफिस बना। शुरुआत में यह ऑनलाइन बुकस्टोर की तरह खोला गया था
फ्लिपकार्ट का पहला ऑफिस बेंगलुरू में खोलने के बाद दूसरा और तीसरा ऑफिस दिल्ली और मुंबई में खोला गया। यह साल 2009 में खोला गया। वहीं, पिछले महीने फ्लिपकार्ट के ऑफिस की बात करें तो यह 8.3 लाख स्क्वायर फुट में शुरू किया गया
फ्लिपकार्ट कंपनी के नौ साल सीईओ रहने के बाद सचिन बंसल को पद से हटना पड़ा। साल 2016 में यह पद छोड़ते हुए सचिन बंसल कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने।
पिछले साल फ्लिपकार्ट को नया सीईओ मिला। फ्लिपकार्ट में निवेश करने वाली टाइगर ग्लोबल में बतौर एग्जीक्यूटिव काम करने वाले कल्याण कृष्णमूर्ति को कंपनी का नया सीईओ बनाया गया। इसके अलावा बिन्नी बंसल को पूरे ग्रुप का सीईओ बनाया गया। इसमें मिंत्रा, जबोंग, फोन पे आदि शामिल हैं।
फ्लिपकार्ट ने साल 2014 में मिंत्रा का 300 मिलियन डॉलर और 2016 में जबोंग का 70 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया। वहीं, साल 2016 में ही कंपनी पेमेंट स्टार्टअप फोन पे लेकर आई।