बैरिया बस पड़ाव से हर दिन दिल्ली जानेवाली 20 बसों का परिचालन पूरी तरह गैर कानूनी है। इन बसों का परमिट तो टूरिस्ट बस के रूप में लिया जाता है, लेकिन इनका परिचालन अवैध रूप से यात्री बस के रूप में किया जाता है। टूरिस्ट परमिट को यात्री परमिट के रूप में इस्तेमाल करने के लिए यात्रियों की जान की कीमत पर अधिकारियों की जेब गर्म की जाती है। उत्तर बिहार से दिल्ली के लिए निजी बसों के परिचालन की काली कमाई में नीचे से ऊपर तक बंदरबांट होती है। .
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर बिहार से दिल्ली के लिए लगभग 42 निजी यात्री बसों का परिचालन टूरिस्ट परमिट पर हो रहा है। इनमें से 40 बसों का निबंधन उत्तरप्रदेश में है यानी बिहार सरकार को टैक्स का चूना लगाया जा रहा है। बड़ी बात यह कि इन बसों के संचालक ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट लेते हैं। यह अस्थायी परमिट होता है जो निर्धारित स्थल पर निर्धारित पैसेंजरों के लिए मिलता है। ऐसी परमिट वाली बसें न तो किसी खास स्टैंड से खुलती हैं और न ही बीच रास्ते में पैसेंजर बैठा सकती हैं। लेकिन टूरिस्ट बसों के परमिट का इस्तेमाल अवैध रूप से दैनिक यात्री बस के रूप में होता है। इन बसों का परिचालन बजाप्ता स्टैंड से हो रहा है और रास्ते में पैसेंजर उठाते हुए नियमित दिल्ली का सफर तय कर रहे हैं।.
आधिकारिक जांच में भी हुई टूरिस्ट परमिट की पुष्टि :
कोटवा में जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है, उसे भी टूरिस्ट परमिट ही जारी होने की बात सामने आई है। यानी इस बस को न तो बैरिया बस पड़ाव से खुलना था और न ही बीच रास्ते में पैसेंजर चढ़ाना था। इतना ही नहीं इसके यात्रियों की सूची भी बस संचालक के पास होनी चाहिए थी, जो नहीं पाई गई है। घटना के बाद देर रात तक आयुक्त के निर्देश पर आरटीए कार्यालय को खुला रखा गया था और यह पता लगाया गया कि इस बस को किस तरह का परमिट जारी किया गया था।.
दो दिन पहले पर्यटन मंत्री ने भी किया था बस सेवा का उद्घाटन :
दो दिन पहले ही पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने मुजफ्फरपुर से दिल्ली के लिए बस सेवा का फीता काटकर उद्घाटन किया था। बताया जाता है कि उक्त बस को भी टूरिस्ट परमिट ही मिला है। यानी उसे भी स्टैंड से बस चलाने व रास्ते में यात्री उठाने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके इस तरह के बसों का परिचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। इस समारोह में उन्होंने रेल की व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा था कि ट्रेन में वेटिंग चलता है, ट्रेनें विलंब से चलती हैं, टिकट नहीं मिलता है इसलिए लोगों को बस सेवा का सहारा लेना चाहिए। .
परिवहन विभाग खुद को बचाने में लगा रहा
इस दुर्घटना के बाद परिवहन विभाग खुद को बचाने में लगा रहा। सबसे पहले यह खोजा गया कि आखिर ऐसे बसों के परिचालन को रोकने के लिए अबतक क्या क्या कदम उठाए गए हैं। खोजबीन में पता चला कि 22 अप्रैल को हुई आरटीए की बैठक में बजाप्ता ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया गया था। इसमें सभी आरटीए सेक्रेटरी, डीटीओ, एमवीआई, इंफोर्समेंट अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। इसके बाद हुई कई दुर्घटनाओं के बाद 16 अप्रैल को हुई आरटीए की बैठक के बाद सभी वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया था कि मोटर व्हीकिल एक्ट 171 की धारा 190 के मुताबिक पुलिस पदाधिकारियों को भी ऐसे अवैध परिचालन की जांच और उन्हें जुर्माना करने का अधिकार है। इसके बाद सभी जिलों के एसएसपी को मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। .
घटनास्थल की जांच के दौरान बस की निबंधन संख्या व मालिक के नाम का पता चल गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि इस बस को किस तरह के परमिट पर चलाया जा रहा था। स्थिति साफ होते ही मामले में कार्रवाई की जाएगी।.
-एचआर श्रीनिवास, प्रमंडलीय आयुक्त, तिरहुत .