हॉटलाइन स्थापित करेंगी दोनों देशों की सेनाएं

हॉटलाइन स्थापित करेंगी दोनों देशों की सेनाएं

भारत और चीन की सेनाएं पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान में अनौपचारिक बैठक के बाद अपने मुख्यालयों के बीच हॉटलाइन स्थापित करने जा रही है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने आज यह जानकारी दी। मोदी ने भारत-चीन संबंध को मजबूत  करने के लिए दो दिवसीय अभूतपूर्व शिखर वार्ता में पिछले सप्ताह शी से मुलाकात की थी। सरकारी दैनिक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा, ”दोनों देशों के नेता अपने-अपने सैन्य मुख्यालयों के बीच एक हॉटलाइन बनाने पर कथित तौर पर सहमत हो गए हैं। इस हॉटलाइन को विश्वास पैदा करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है क्योंकि इससे दोनों मुख्यालयों को 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में सीमा गश्ती दल के बीच तनाव और डोकलाम जैसे गतिरोध से बचने के लिए संवाद बढ़ाने में मदद मिलेगी।

भारतीय सेना ने गत वर्ष विवादित क्षेत्र में चीनी सेना को सड़क निर्माण कार्य करने से रोक दिया था जिसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में 16 जून से शुरू होकर 73 दिन तक गतिरोध चला था। भूटान और चीन डोकलाम पर अपना दावा जताते हैं। यह गतिरोध 28 अगस्त को खत्म हुआ था।

हॉटलाइन के बारे में लंबे समय से बातचीत हो रही है लेकिन कुछ मुद्दों जैसे कि मुख्यालयों में किस स्तर पर हॉटलाइन स्थापित की जा सकती है, को लेकर यह योजना आगे नहीं बढ़ पाती। शी ने भी चीनी सेना में कई बड़े बदलाव किए है और उनके नेतृत्व में उसकी कमान के ढांचे में बड़े बदलाव हुए।

भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस ( डीजीएमओ ) के बीच हॉटलाइन सुविधाएं हैं लेकिन चीन के संबंध में ऐसी किसी सुविधा का संचालन करने के लिए चीनी सेना को एक नामित अधिकारी की पहचान करनी होगी। चीन के सैन्य विशेषज्ञों ने कहा कि हॉटलाइट से दोनों सेनाओं के बीच विश्वास पैदा होगा। अखबार ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि चीन और भारत के बीच सैन्य विश्वास द्विपक्षीय संबंधों के लिए अहम है और यह दोनों पक्षों से धैर्य और ईमानदारी की मांग करता है। शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के निदेशक झाओ गनचेंग ने कहा, ”दोनों देशों के बीच तनाव दूर करने के लिए वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता एक अच्छी शुरुआत है जो भविष्य के संवाद और विश्वास बहाली का आधार है।”

दोनों सेनाओं के बीच वार्षिक अभ्यास बहाल होने की संभावना है। पिछले साल डोकलाम गतिरोध के कारण यह अभ्यास नहीं हुआ था। भारत और चीन की सेनाओं ने चुशूल और लद्दाख में कल एक बैठक की थी जिसके दौरान दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का संकल्प लिया। शी और मोदी के बीच पिछले सप्ताह अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद यह इस तरह की पहली बैठक थी।

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