भारत और चीन ने शनिवार को अफगानिस्तान में एक संयुक्त आर्थिक परियोजना पर सहमति जताई। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच यहां दो दिवसीय शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी। शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद और आतंकवाद पर भी चर्चा हुई।
जानें 10 बड़ी बातें:
1. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने आतंकवाद को दोनों देशों के लिए खतरा माना और इससे निपटने के लिए सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई
2.संवाद मजबूत करने और विश्वास एवं आपसी समझ विकसित करने के लिए दोनों नेता अपनी-अपनी सेना को रणनीतिक दिशा-निर्देश जारी करेंगे
3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत को और सुदृढ़ करने पर सहमत हुए
4. दोनों नेताओं ने खूबसूरत ‘ ईस्ट लेक ( पूर्वी झील ) के किनारे सैर की। उनके साथ दो अनुवादक भी थे। सैर के बाद उन्होंने चाय पी।
5. विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानाकारी देते हुए कहा कि इस दौरान गंगा सफाई से लेकर व्यापार संतुलन तक कई अहम मुद्दों पर बात हुई है।
6. मीटिंग में दोनों नेताओं के बीच सीमा पर तनाव को कम करने को लेकर सहमति दिखी और दोनों ने कहा कि वे अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस देंगे।
7. इस दौरान चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट और डोकलाम को लेकर सीधे तौर पर कोई बात नहीं हुई।
8. इस मीटिंग में आध्यात्म, तकनीक, ट्रेड, मनोरंजन और अन्य कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर बात हुई। इस बात सहमति बनी कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय फिल्में चीन आएं और चीन की फिल्मों को भारत में जगह मिले। खुद शी चिनफिंग ने कहा कि मैंने भी कई भारतीय फिल्में देखी हैं और चीन में ज्यादा से ज्यादा ऐसी फिल्में आनी चाहिए।
9. मोदी और शी की आमने-सामने की वार्ता के बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई जिसमें दोनों पक्षों के छह शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल , विदेश सचिव विजय गोखले और चीन में भारत के राजदूत गौतम बम्बावाले बैठक में मौजूद थे।
10.विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया, ‘पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच चार दौर की बातचीत हुई है। ये बातचीत सकारात्मक रही और इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे।’ उन्होंने कहा कि भारत-चीन शांतिपूर्ण रिश्तों पर जोर देंगे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन चीन के वुहान पहुंचे मोदी का शानदार स्वागत किया गया। दोनों नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस तरह की अनौपचारिक वातार्एं और हों। मोदी ने शी जिनपिंग को 2019 में भारत आने का न्यौता भी दिया। मोदी और शी ने कहा कि विश्व में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए पारस्परिक सौहार्दपूर्ण भारत,चीन संबंध अनिवार्य हैं।