पेट्रोल साढ़े पांच साल बाद सबसे मंहगा, अभी और बढ़ सकती है कीमत

पेट्रोल साढ़े पांच साल बाद सबसे मंहगा, अभी और बढ़ सकती है कीमत

दिल्ली में पेट्रोल साढ़े पांच साल में सबसे अधिक महंगा हो गया  है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफे के कारण पेट्रोल के दाम सितंबर 2013 के बाद सबसे अधिक है। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत 74.08 रुपये प्रति लीटर हो गई। वहीं, डीजल के दाम 65.27 रुपये हो गए।

और बढ़ सकते हैं दाम 
पेट्रोलियम क्षेत्र के जानकार मानते हैं कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।  ईरान पर प्रतिबंध और सीरिया में संघर्ष से क्रूड की सप्लाई कम हो सकती है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम और बढ़ने की आशंका है। इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में इंडियन बॉस्केट (क्रूड) की कीमत जबकि अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम करीब 74 डॉलर है।  क्रूड 2016-17 में 47.56 डॉलर प्रति बैरल थी। मार्च 2021 में यह कीमत बढ़कर 63.80 डॉलर पर पहुंच गई।

टैक्स के कारण तेल महंगा 
कच्चे तेल की कीमतों के साथ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स से भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि होती है। लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला टैक्स अलग है। इसलिए, सभी राज्यों में कीमत अलग है। हालांकि, सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हो रही है।

कच्चा तेल का भाव 20 अप्रैल     :  4507 रुपये प्रति बीबीएल
कच्चा तेल का वर्तमान भाव        : 28.52 रुपये प्रति लीटर

हर रोज बदलते हैं दाम
2017 में 16 जून से देशभर में हर रोज पेट्रोल एवं डीजल के दाम बदल रहे हैं। इससे पहले पेट्रोल डीजल की कीमतें महीने में सिर्फ दो बार बदला करती थीं।

शहर            कीमत (रु./लीटर)
दिल्ली            74.08
कोलकाता        76.78
मुंबई            81.93
चेन्नई            76.85

चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधा
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पेट्रोल के ऊंचे दामों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार तेल से होने वाली कमाई से ही जिंदा है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कई ट्वीट कर कहा, भाजपा शेखी बघारती है कि 22 राज्यों में उसकी सरकार है लेकिन फिर क्यों एनडीए सरकार पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत नहीं लाती। उन्होंने कहा, ‘पिछले चार वर्षों से भाजपा सरकार तेल से होने वाली कमाई पर जिंदा रही है। अगर यह कमाई ना हो तो भाजपा सरकार मुश्किलों में घिर जाएगी। यहां तक कि स्कूल का एक बच्चा भी जवाब जानता है। यह भाजपा सरकार की ग्राहक से कर वसूलने की नीति के कारण है। पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने कहा कि कच्चे तेल के दाम 74 डॉलर प्रति बैरल चार साल पहले की कीमतों के मुकाबले अब भी कम हैं। चार साल पहले कच्चे तेल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल थी। उन्होंने कहा, तो क्यों आज पेट्रोल / डीजल की कीमतें मई 2014 की कीमतों के मुकाबले ज्यादा है?

पेट्रोल महंगा हो तो क्या करें – 
तेल के बजाय इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल को बढ़ावा दें।
अपनी कार को पेट्रोल के बजाय सीएनजी पर चलाएं।
दफ्तर जाने के लिए शेयर वाहनों का या सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें।
रेडलाइट पर वाहनों का इंजन बंद करके तेल बचा सकते हैं।
जहां मेट्रो रेल का नेटवर्क हो वहां निजी वाहनो का इस्तेमाल न करें।

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