आपके निजी डाटा पर सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि गूगल की भी नजर है। हाल ही में फेसबुक से डाटा लीक होने के बाद कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग को दुनिया के सामने चूक स्वीकार करनी पड़ी। हालांकि गूगल पर अभी तक कोई उंगली नहीं उठी है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इस सर्च इंजन के पास फेसबुक से कहीं ज्यादा डाटा है। दो साल पहले गूगल ने भी फेसबुक की तर्ज पर अपनी विज्ञापन नीति में बदलाव किया, जिससे निजी डाटा के लीक होने का खतरा बढ़ गया है।
विज्ञापन नीति में बदलाव किया :
दो साल पहले गूगल ने अपनी विज्ञापन नीति में पूरी तरह से बदलाव किया था। विशेषज्ञों के अनुसार इस बदलाव के बाद डाटा लीक होने की आशंका काफी बढ़ गई। कंपनी ने नई नीति के तहत डबल क्लिक सिस्टम शुरू किया, जो इंटरनेट पर स्थान और लक्ष्य की पहचान करता है। यहां तक कि विज्ञापनदाता भी इससे जुड़कर खुद डाटा जुटा सकते हैं। न्यूज मीडिया एलायंस के अध्यक्ष डेविड चैवरन के अनुसार हर मामले में गूगल अन्य की तुलना में कहीं ज्यादा डाटा जुटाता है। यही नहीं उसका विज्ञापन कारोबार भी ज्यादा बड़ा है। जरूरत सिर्फ फेसबुक के लिए प्राइवेसी कानून बनाने की नहीं है बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए कानून बनाने की जरूरत है। गूगल का हालांकि दावा है कि उसकी नीति किसी खास उपयोगकर्ता वर्ग को लक्ष्य नहीं बनाता है और निजी डाटा को लेकर उनका कानून सख्त है।
कड़े कानून से बढ़ सकती हैं दिक्कतें
अमेरिका में फेसबुक से डाटा लीक होने और राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के मुद्दे के बाद कड़ा कानून बनाने पर विचार चल रहा है। हाल में मार्क जकरबर्ग को कांग्रेस के सामने स्पष्टीकरण भी देना पड़ा था। एक शीर्ष पॉलिसी अधिकारी के मुताबिक कंपनियों को कुछ ऐसे प्रस्तावों का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। एक प्रस्ताव के मुताबिक उपयोगकर्ता के पास यह विकल्प होगा कि वह चाहे तो उसका निजी डाटा साझा न हो। यह ऐसा प्रस्ताव है, जो इंटरनेट के बिजनेस मॉडल के बिल्कुल विपरीत है। अभी तक गूगल को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन इससे कंपनी की परेशानी बढ़ सकती हैं।
आप पर गूगल की नजर
-गूगल मैप के जरिए आप कहां-कहां थे, इसकी पूरी जानकारी टाइमलाइन पर रहती है
-आपने क्या सर्च किया, यह भी सब हिस्ट्री डिलीट करने के बाद भी ‘माई एक्टिविटी’ पर मौजूद है।
-आपके निजी डाटा के आधार पर गूगल ने आपका विज्ञापन प्रोफाइल भी तैयार किया है।
-गूगल के पास यह भी जानकारी है कि आप कौन-कौन से एप का इस्तेमाल करते हैं
-गूगल ‘टेकआउट’ पर लाखों शब्दों में जानकारी