कानपुर में म्यूजिक थेरेपी से मरीजों का दर्द भगाएंगे युवा

कानपुर में म्यूजिक थेरेपी से मरीजों का दर्द भगाएंगे युवा

फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस तो आपने देखी ही होगी। इसमें हीरो मरीजों को संगीत थेरेपी और शतरंज के सहारे राहत देता है। अब उसी तर्ज पर कानपुर के सरकारी अस्पतालों में ‘म्यूजिक थेरेपी’ देने युवा छात्रों की मंडली पहुंचेगी। आधुनिक वाद्य यंत्रों से लैस छात्र नियमित अस्पतालों में जाएंगे और मरीजों को उनकी पसंद का गीत-संगीत सुनाएंगे। भजन से लेकर फिल्मी नगमे तक, मरीज जो सुनना चाहेंगे, ये युवा पेश करेंगे। मरीज खुद भी चाहें तो गाने- बजाने में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए युवाओं को जुटाने की पहल रेडक्रॉस सोसाइटी कर रही है।
भारत में इलाज की प्राचीन तकनीक
रेडक्रॉस सोसाइटी का मानना है कि भारत में इलाज की प्राचीन विधाओं में गीत-संगीत का अहम रोल था। अलग-अलग तरह की बीमारियों के लिए अलग-अलग राग प्रचलन में थे। मानसिक तनाव दूर करने में इन रागों की अहम भूमिका थी।
कोमा तक से बाहर आ चुका है मरीज
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में मरीज को संगीत के जरिए सेमी कोमा से बाहर लाने में मदद मिल चुकी है। युवा मरीज को सलमान खान की फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ का गाना सुनाया गया था, जिससे मरीज पूरी तरह होश में गया। डॉक्टरों का कहना था कि संगीत का रोल है मगर साथ-साथ दवाएं भी चल रही थीं।
कैंसर अस्पताल में हर मंगलवार भजन संध्या
जेके कैंसर संस्थान में हर मंगलवार को नियमित भजन संध्या का आयोजन होता है। निदेशक प्रो. एमपी मिश्र के मुताबिक इससे मरीजों को बीमारी से लड़ने के लिए पॉजिटिव ऊर्जा मिलती है।
संगीत के फायदे
ब्लड प्रेशर संतुलित बना रहता है, दिल की धड़कन भी संतुलित रहती है
सांस की गति संतुलित रहती है, ऑपरेशन व पीड़ा के प्रति डर कम होता है
प्रसव कक्ष में संगीत चल रहा हो तो सीजेरियन की संभावना कम हो जाती है
क्या कहते हैं विशेषज्ञ

  • जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आईसीयू इंचार्ज प्रो. अनिल वर्मा के मुताबिक म्यूजिक थेरेपी से बीमारी की रिकवरी तेजी से होती है। खासतौर से ब्रेन को होने वाले नुकसान की भरपाई जल्दी होती है। एक तरह से संगीत थेरेपी मरीजों के पुनर्वास के लिए बेहद लाभकारी है। आईसीयू में इस तरह का प्रयोग करके देखा है।
  • मनोचिकित्सक  डॉ. रवि कुमार के मुताबिक संगीत से तनाव को बढ़ाने वाले हॉरमोन कार्टिसोल और एड्रेनलीन आदि सुस्त पड़ जाते हैं। इससे मरीज तनावरहित महसूस करने लगता है। घबराहट व निगेटिव सोच उतनी देर तक नहीं आती है जितने समय तक संगीत बजता है। मानसिक रोगियों या लम्बे समय से बिस्तर पर रहने वाले रोगियों के लिए म्यूजिक थेरेपी तो इलाज का हिस्सा है।
  • रेडक्रॉस सोसाइटी के अवैतनिक सचिव आरके सफ्फड़ कहते हैं कि रेडक्रॉस सोसाइटी ने यह पहल की है। सभी सरकारी अस्पतालों में गीत-संगीत संध्या करके मरीजों को खुश रखने की कोशिश होगी। इसके लिए सोसाइटी ने इंटरमीडिएट स्तर के छात्र-छात्राओं की टीम तैयार की है। इस टीम में उन छात्रों को शामिल किया गया है जो संगीत में रुचि रखते हैं।
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